विज्ञापनों के जरिए चलाए जा रहे अभियानों और मीडिया सालों से हमें इस बात पर आगाह करता आ रहा है कि हमारे घर, शरीर और दफ्तर लाखों-करोड़ों रोगाणुओं का घर बन चुके हैं इसलिए हमें अपनी सुरक्षा के लिए एंटीबैक्टीरिया केमिकल्स का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए। नए अध्ययन में सामने आया है कि साबुन, शैम्पू, कॉस्मेटिक्स, कुकवेयर, योगा मैट्स, माउथ वॉश, और टूथपेस्ट में भी हानिकारक कैमिकल्स होते हैं जो सेहत के लिहाज से हमारे लिए सुरक्षित नहीं हैं। जानवरों में इनका परीक्षण करने पर उनमें आंतों में सूजन, ब्रहदान्त्र कैंसर और हार्मोंस के प्रभावित होने जैसे लक्षण सामने आए हैं। इससे पार पाने का केवल एक ही तर्कसंगत रास्ता है और वो है कि हम इस समस्या को एक ही नजरिए से देखें और इसके अच्छे-बुरे प्रभाव के बारे में सोचें। मीडिया की खबरों में इस तरह की रिपोट्र्स कम ही प्रकाशित की जाती हैं। लोगों को जागरूक करने की बजाय बाजार की प्रतिस्पर्धा में टीवी चैनल और एडवरटाइजिंग एजेंसी विभिन्न ब्राण्ड्स की पब्लिसिटी करने में लग जाती हैं।