उत्तरकाशी: पिछले 48 घंटे में दो गर्भवती महिला ने तोड़ा दम
उत्तरकाशी: पौने दो लाख महिलाओं पर मात्र एक स्त्री रोग विशेषज्ञ
आखिर कब तक पहाड़ के लाचार लोग यूँ ही दम तोड़ते रहेंगे
आखिर हमारी उत्तराखंड की डबल इंजन सरकार मौन क्यों ?
उत्तरकाशी में पौने दो लाख महिलाओं पर मात्र एक स्त्री रोग विशेषज्ञ
उत्तरकाशी जिले में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को चलते यहाँ पिछले घाव अभी भरे हु नहीं थे, दूसरी गर्भवती महिला के मौत का सिलसिला अभी भी जारी है पिछले 48 घंटे में दो गर्भवती दम तोड़ गई
क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है बीती रात धीरवा गांव की बिंदा देवी को प्रसव पीड़ा होने के कारण परिजन 2:00 बजे रात्रि को अस्पताल लाए अस्पताल में जांच करने के बाद पता चला कि पेट में बच्चा मृत है इसी प्रकार से मृत बच्चे को निकाल दिया गया था लेकिन अधिक रक्तस्राव होने के कारण महिला को हाय सेंटर रेफर कर दिया गया जो कि रास्ते में जाते हुए महिला की मृत्यु हो गई मंगलवार को उपचार के अभाव में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुरोला के एक महिला को दून रेफर किया गया इसमें आधे रास्ते में दम तोड़ दिया
ऐसे में शायद ही इन मौतों के पुख्ता आंकड़े नीति नियंता और हुक्मरानों के पास ही होंगे प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था का क्या हाल है यह आंकड़े इस बात को बता रहे हैं कि जिला उत्तरकाशी में 1लाख 87हजार 327 महिलाओं पर मात्र एक स्त्री रोग विशेषज्ञ
आखिर जिम्मेदार कौन
ऐसे में पहाड़ में गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलने की उम्मीद करना वर्तमान में बेकार साबित होगा एक तो पहाड़ में सड़क ना होने के कारण काफी लोग आधे रास्ते में दम तोड़ जाते हैं
जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड़, बड़कोट, पुरोला में 4 पद स्त्री रोग विशेषज्ञ सहित कुल 7 पद सृजित हैं जबकि धरातल पर यहां एक भी स्त्री रोग विशेषज्ञ की तैनाती नहीं है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी महिला चिकित्सा नहीं है यही कारण है कि जनपद में गर्भवती महिलाओं और नवजात के दम तोड़ने का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है आखिर हमारी उत्तराखंड की डबल इंजन सरकार मौन क्यों ?