देहरादून, उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के 500 दिन पूरे होने के अवसर पर क्या खोया क्या पाया कार्यक्रम के तहत कोरोना योद्धाओं को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ और मरीजों ने कोविड-19 के संक्रमण और उपचार से जुडे अपने-अपने अनुभव साझा किये। स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहत्तर बनाया जायेगा इसके लिए विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अपनी कार्यशैली में और सुधार लाने की जरूरत है। राज्य में भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार कोविड-19 के संक्रमण की जांचों को बढ़ाया जायेगा।
दून मेडिकल कालेज के पटेलनगर परिसर में आयोजित कोरोना योद्धा सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि कोरोना के खिलाफ राज्य के सभी डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टॉफ और मेडिकल स्टॉफ ने मिलकर लड़ाई लड़ी है, जिसका नतीजा रहा कि कोरोना महामारी से कई लोगों की जान बच पाई। डा. रावत ने कहा कि पिछले दो वर्षों के दौरान राज्य सरकार ने अस्पतालों के सुदृढीकरण एवं उच्चीकरण पर करीब 1700 करोड़ की धनराशि खर्च की। जिला अस्पतालों, संयुक्त चिकित्सालयों में आधुनिक मशीनें स्थापित की गई। जिसका फायदा कोरोना काल में आम जनता को मिला। कोरोना के स्तर में कमी आते ही आरटीपीसीआर एवं एंटीजन टेस्टिंग में कमी को गंभीरता से लेते हुए विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार जांच में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने स्कूलों और कॉलेजों को खोलने का निर्णय लिया है, जिससे अस्पतालों की जिम्मेरियां बढ़ जायेंगी। स्वास्थ्य मंत्री डा. रावत ने कहा कि सरकार मेडिकल क्षेत्र में 7000 नियुक्तियां कर रही है। जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सक, स्टॉफ नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ से लेकर मेडिकल स्टाफ के पद शामिल हैं।
सम्मान समारोह में उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हेमचन्द्र ने कोविड के दौरान सभी मेडिकल कॉलेजों के साथ मिलकर किये कार्यों को साझा किया। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को पृथक मंत्री मिलना राज्य हित में बताया। इस दौरान उत्तराखंड के पहले कोविड संक्रमित आईएफएस अधिकारी शैलेन्द्र सिंह ने झारखंड हजारीबाग से ऑन लाइन जुड़कर अपने अनुभव साझा किये। उन्होंने कोरोना के दौरान दून मेडिकल द्वारा दिये गये उपचार की भूरी-भूरी प्रशंसा की। साथ ही पहले कोरोना मरीज का उपचार करने वाले डा. अनुराग अग्रवाल एवं एफआरआई अस्पताल के डा. वीरमंत गुप्ता ने भी अपने अनुभव साझा किये।
इस अवसर पर कुलपति उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय प्रो. हेमचन्द्र, महानिदेशक स्वास्थ्य डा. तृप्ति बहुगुणा, प्राचार्य दून मेडिकल कॉलेज डा. आशुतोष सयाना, समाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल, मेडिकल कॉलेज के विभागाध्यक्ष, चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ आदि कर्मचारी उपस्थित रहे।