फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान (Valley of Flowers National Park) को आम तौर पर “फूलों की घाटी” कहा जाता है , यह राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखण्ड राज्य के चमोली जिले में स्थित है । फूलो की घाटी(Valley of Flowers) को विश्व संगठन , UNESCO द्वारा साल 1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया ।
वैसे तो कहते हैं कि नंदकानन के नाम से Valley of Flowers National Park का वर्णन “रामायण और महाभारत” में भी मिलता है | ऐसा माना जाता है कि यही वह जगह है जहाँ से हनुमानजी भगवान राम के भाई लक्ष्मण के लिए संजीवनी लाए थे. ब्रितानी पर्वतारोही फ़्रैंक स्मिथ ने साल 1931 में इस स्थान की खोज की थी और तब से ही यह एक पर्यटन स्थल बन गया।
कहा जाता है की यहाँ के फूलों में अद्भुत औषधीय गुण पाये जाते हैं और यहाँ मिलने वाले सभी फूलों का इस्तेमाल दवाइयों बनाने में होता है। और हृदय रोग, अस्थमा, शुगर, मानसिक उन्माद, किडनी, लीवर और कैंसर जैसी भयानक रोगों को ठीक करने की क्षमता वाली औषधिया भी यहाँ पाई जाती है | साथ ही यहाँ सैकड़ों बहुमूल्य जड़ी-बूटियाँ और वनस्पति पाए जाते हैं जो विश्व में कही और नहीं पाए जाते|
फूलों की घाटी कैसे पहुँचे (how to reach Valley of Flowers)
फूलों की घाटी , गोविंदघाट के माध्यम से हेमकुंड साहिब के रास्ते पर स्थित है |फूलों की घाटी पहुँचने के लिए चमोली का अन्तिम बस अड्डा गोविन्दघाट 275 किमी दूर है । यहाँ से प्रवेश स्थल की दूरी 13 किमी है घांघरिया गांव से सिर्फ 2 किमी की दूरी पर स्थित है.
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भौगोलिक स्थिति
यह उद्यान 87.50 किमी² क्षेत्र में फैला हुआ है।
भ्रमण का बेहतर माैसम(suitable time to vist valley of flowers)
फूलों की घाटी भ्रमण के लिये जुलाई, अगस्त व सितंबर के महीनों को सर्वोत्तम माना जाता है। सितंबर में यहा ब्रह्मकमल खिलते हैं।