Nanda Devi National Park: नंदा देवी भारत की दूसरी ऊंची चोटी से जुडी है माता पार्वती की ये घटना

Nanda Devi National Park: उत्तराखंड लोककथाओं के अनुसार नंदा देवी को हिमालय की पुत्री यानी माता पार्वती कहा गया हैं। हर साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष के दौरानआयोजित होने वाला नंदादेवी मेला समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा की याद दिलाता है। नंदा देवी पर्वत भारत की दूसरी और दुनिया की 23वीं सर्वोच्च चोटी है। इस चोटी को उत्तरांचल में देवी के रूप में पूजा जाता है।इस पर्वत की ऊंचाई लगभग 25,643 फीट है।

 यहां तक पहुंचने के लिए हर 12 साल में एक धार्मिक यात्रा का आयोजन होता है।  इस यात्रा को हिमालयी कुंभ के नाम से भी जाना जाता है। नंदा देवी राजजात यात्रा को विश्‍व की सबसे लम्बी पैदल और धार्मिक यात्रा माना जाता है। इस यात्रा की शुरुआत आदि शंकराचार्य ने ईसा पूर्व मे की थी।

नंदा देवी गढ़वाल ही नही कुमाऊं कत्युरी राजवंश की ईष्टदेवी थीं. वह इस यात्रा के माध्यम से वे अपने ससुराल यानी कैलाश पर्वत जाती हैं। इस ऐतिहासिक यात्रा को गढ़वाल-कुमाऊं के सांस्कृतिक मिलन का प्रतीक भी माना जाता है।

नंदादेवी  यात्रा

 नंदादेवी की यह ऐतिहासिक यात्रा चमोली ज़िले मे स्थित  नौटी गांव से शुरू होती है जो रूपकुंड होकर हेमकुंड तक जाती है । नंदादेवी चोटी के नीचे पूर्वी तरफ नंदा देवी अभयारण्य है। यहां कई प्रजातियों के जीव-जंतु रहते हैं। इसकी सीमाएं चमोली, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों से जुड़ती हैं।

 

 Pahad Samvad

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