देहरादून: मुख्य सचिव एस.एस.संधु ने सचिवालय सभागार में राज्य स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक लेते हुए कहा कि लोगों का जीवन बचाना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए और इसके लिए विभिन्न विभागों को विभागीय स्तर तथा सामूहिक समन्वय से जरूरी कदम उठाने चाहिए। उन्होंने परिवहन विभाग को विभिन्न श्रेणी के लाइसेंस बनाते समय ट्रायल-टेस्टिंग की वीडियो रिकॉर्डिंग रखने तथा ट्रायल का डेटा पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए, ताकि कोई भी व्यक्ति किसी भी मीडिएटर के माध्यम से लाइसेंस न बनवा सके। परिवहन विभाग और यातायात पुलिस को मुख्य चौराहों और सार्वजनिक रूट पर CCTV कैमरे के साथ ही रडार और स्पीड इन्टरसेप्टर तकनीक का इस्तेमाल करते हुए ओवरस्पीडिंग, रैश ड्राइविंग और सड़क सुरक्षा के प्रावधानों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने लोक निर्माण विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को ब्लैक स्पॉट और दुर्घटना की दृष्टि से जोखिम वाले क्षेत्रों को ए, बी व सी श्रेणी में वर्गीकृत करते हुए सुधारीकरण से संबंधित सभी कार्य संपन्न करने के निर्देश दिए। उन्होंने सड़क मार्गों विशेषकर औद्योगिक क्षेत्रों में जहां पर कामगारों का आना-जाना रहता है, वहां पर साईकिल ट्रैक बनाने के साथ ही विभिन्न रूट पर स्पीड ब्रेकर व रम्बल स्ट्रीप को औसतन गति से वाहन चलाने वाले के अनुकूल बनाने के निर्देश दिए। परिवहन विभाग को निर्देशित किया कि सुरक्षा मानकों का दूसरी बार उल्लंघन करने वाले वाहन चालक के ड्राइविंग लाइसेंस को छः माह तथा तीसरी बार उल्लंघन करने पर एक वर्ष के लिए निलंबित किया जाए साथ ही बिना हेलमेट वाहन चलाने वालों से हेलमेट का चार्ज लेते हुए नया हेलमेट दिया जाए।
मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों को सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित सभी लंबित मजिस्ट्रेट जांच को दो माह के भीतर निस्तारित करते हुए प्रत्येक मजिस्ट्रियल जांच को तीन माह के भीतर निस्तारित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रत्येक विकासखण्ड स्तर पर भी उपजिलाधिकारियों की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा समिति गठित करने के निर्देश दिए, जिसमें उपरोक्त सभी लोगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित हो।