किडनी के मरीजों के लिए प्राणदायक साबित होती आयुष्मान योजना।

किडनी के मरीजों के लिए प्राणदायक साबित होती आयुष्मान योजना।

आयुष्मान योजना: हर किसी की पहुंच में आया डायलिसिस जैसा महंगा उपचार।

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा संचालित आयुष्मान योजना के अंतर्गत किडनी मरीज 1.33 लाख से अधिक बार डायलिसिस का ले चुके हैं मुफ्त उपचार।

किडनी मरीजों के मुफ्त डायलिसिस उपचार पर सरकार अब तक कर चुकी 42 करोड़ से अधिक की राशि खर्च।

 

देहरादून। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा संचालित की जा रही आयुष्मान योजना यूं तो सभी रोगों से लड़ने में संजीवनी का काम कर रही है। वहीं डायलिसिस जैसे महंगे उपचार भी अब आमजन की पहुंच में आ गए हैं। योजना के अंतर्गत किडनी के मरीज 1 लाख 33 हजार से अधिक बार मरीज डायलिसिस करा चुके हैं। इस उपचार पर सरकार 42 करोड़ से अधिक की राशि खर्च हो चुकी है।

डायलिसिस की प्रक्रिया काफी महंगी होती है। एक जानकारी के मुताबिक डायलिसिस कराने का कुल खर्च लगभग 12,000 से रु 15,000 प्रति माह और पेरिटोनियल डायलिसिस का खर्च 18,000 से रु 20,000 प्रति माह लग सकता है। सही मायने में डायलिसिस पर होने वाला खर्च हर किसी की क्षमता में नहीं हो सकता। सामान्य आय वर्ग के लिए तो यह विकार जानलेवा यह साबित होता था।

आयुष्मान योजना ने अब स्थितियों को बेहतर कर दिया है। डायलिसिस जैसा महंगा उपचार भी अब हर किसी की पहुंच में आ गया है। आयुष्मान योजना किडनी रोगियों को जीवनदान प्रदान कर रही है। इसके साथ ही मरीजों का मुफ्त उपचार से उनकी आर्थिकी भी प्रभावित नहीं हो रही है।

प्रदेश में अभी तक किडनी के मरीज 133105 बार डायलिसिस करा चुके हैं। जिस पर 42 करोड़ का खर्च हो चुका है।

 Pahad Samvad

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