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प्रत्येक लाभार्थी तक आयुष्मान का लाभ पहुंचाना प्राथमिकताः अरविंद सिंह ह्यांकी

प्रत्येक लाभार्थी तक आयुष्मान का लाभ पहुंचाना प्राथमिकताः अरविंद सिंह ह्यांकी

 राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण व आयुष्मान/गोल्डन कार्ड सूचीबद्ध अस्पतालों की संयुक्त समीक्षा/समन्वय बैठक में कई मसलों पर हुआ विचार विमर्श

सीईओ ने कहा, बेहतर क्रियान्वयन को एसएचए व सेवा प्रदाता संस्थाओं में समन्वय को होना बहुत जरूरी 

अस्पताल प्रतिनिधियों ने चर्चा पर जताया संतोष, प्रत्येक तीन माह में समन्वय बैठक बुलाने का किया अनुरोध

देहरादूनः राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण व आयुष्मान/गोल्डन कार्ड सूचीबद्ध अस्पतालों की संयुक्त समीक्षा/समन्वय बैठक संपन्न हुई। बैठक में ऑनलाइन पोर्टल से लेकर दावों के यथा समय निस्तारण, अमान्य दावे, रिव्यू आदि विभिन्न मसलों पर चर्चा हुई। योजना के बेहतर संचालन हेतु कई सुझाव भी प्रतिभागियों ने साझा किए।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्राधिकरण के चेयरमैन श्री अरविंद सिंह ह्यांकी ने कहा कि आयुष्मान योजना का लाभ हर लाभार्थी तक पहुंचे, यह हम सबकी प्राथमिकता है। सदन में उपस्थित अस्पताल प्रतिनिधियों व ऑनलाइन जुड़े प्रतिनिधियों को बारी बारी से अपनी बात रखने का अवसर दिया गया। इस दौरान उन्होंने अपने अस्पताल की विशिष्ट समस्या के साथ साथ अस्पतालों की सामान्य समस्याओं पर ध्यानाकर्षण किया। चेयरमैन महोदय ने कहा कि एनएचए के ट्रांजिक्शन मैनेमेंट सिस्टम (टीएमएस) में समय समय पर आ रही तकनीकी कठिनाइयों तथा रिव्यू सम्बन्धी नई व्यवस्था के कारण अस्पतालों के आयुष्मान सम्बन्धी दावों के निस्तारण में कुछ समय लगा है, लेकिन अब इसे शीघ्रता से कराया जा रहा है। आयुष्मान के दावों का भुगतान 15 दिनों के अंदर करने का लक्ष्य रखकर ही कार्यवाही की जा रही है।

पुराने दावों के सापेक्ष पोर्टल में रिव्यू संबंधी कठिनाई के दृष्टिगत ऑफ लाइन रिव्यू का अवसर दिया जायेगा और दावों के रिव्यू सिस्टम को आसान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश का अपना टीएमएस तैयार किया जा रहा है। तब टीएमएस में आने वाली दिक्कतें दूर हो जाएंगी। कहा की प्राधिकरण के स्तर पर प्रक्रियाओं को सरल बनाने और यथासंभव ऑनलाइन सिस्टम बनाकर उन्हें फेसलेस करने हेतु हर संभव प्रयास किया जा रहा है। ताकि प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण हो और अस्पतालों को प्राधिकरण का चक्कर न लगाना पड़े। चेयरमैन ने अस्पतालों से भी यह अपेक्षित है कि मरीजों की सुविधा और इलाज पर पूरा ध्यान दिया जाए और उपचार के बिल एनएचए और एसएचए के दिशा निर्देशों और मानकों के अनुरूप ही प्रक्रिया फॉलो करते हुए सही सही प्रस्तुत करें। ताकि आपत्ति न लगे और भुगतान में अनावश्यक विलंब न हो। साथ ही कहा कि कामकाज में व्यवहारिकता का होना जरूरी है। सक्षम प्राधिकारियों के द्वारा विशिष्ट प्रकरणों में सम्यक विचार करते हुए न्यायोचित निर्णय लिए जाएंगे। कहीं अस्पष्टता हो तो उसे एसएचए के संबंधित अनुभाग अथवा उच्च अधिकारियों को फ़ोन करके स्थिति स्पष्ट करा सकते हैं। गोल्डन कार्ड में आ रही दिक्कतों पर उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में आवश्यक बजट की व्यवस्था करने हेतु कार्यवाही गतिमान है और शीघ्र ही स्थिति बेहतर होने की उम्मीद है ।

बैठक में प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रीना जोशी ने कहा कि आयुष्मान योजना की बेहतरी के लिए यह जरूरी है कि एसएचए व सेवा प्रदाता अस्पतालों के बीच बराबर समन्वय हो। सेवा की गुणवत्ता व पारदर्शिता के लिए भी आपसी संवाद जरूरी है। उन्होंने सड़क हादसे के घायलों को निशुल्क उपचार सुविधा को लेकर अस्पतालों को प्रशिक्षण देने को कहा।

बैठक में शामिल हिमालयन हॉस्पिटल, महंत इंद्रेश, कैलाश ओमेगा, ग्राफिक एरा, पैनेसिया हॉस्पिटल, हंस फाउंडेशन, समेत विभिन्न अस्पताल प्रतिनिधियों ने अपनी समस्याएं रखी, जिनमें से अधिकांश का यथोचित निस्तारण मौके पर ही किया गया। योजना के बेहतर क्रियान्वयन को लेकर भी कई सुझाव अस्पताल प्रतिनिधियों की ओर से दिए गये। अस्पताल प्रतिनिधियों ने प्राधिकरण द्वारा समन्वय बैठक बुलाने की इस व्यवस्था एवं हुई चर्चा से संतुष्टि व्यक्त करते हुए ऐसी बैठक प्रत्येक त्रिमास में आयोजित करने का भी अनुरोध किया, जिस पर चेयरमैन द्वारा सहमति व्यक्त की गयी।

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