हरिद्वार में गंगा घाटों से गाँव तक गूंजा ‘स्वच्छता ही सेवा’ का दिव्य संदेश
स्वच्छोत्सव 2025 : हरिद्वार में गंगा घाटों से गाँव तक गूंजा ‘स्वच्छता ही सेवा’ का दिव्य संदेश
नगर निगम से निकली विराट स्वच्छता रैली, नगर आयुक्त ने दिखाई हरी झंडी – आईटीसी मिशन सुनहरा कल बना आंदोलन का अगुआ
पावन नगरी हरिद्वार में माँ गंगा की धारा के साथ स्वच्छता का संदेश भी गूंज उठा। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत आयोजित “स्वच्छता ही सेवा” अभियान के तहत “स्वच्छोत्सव 2025” ने जनभागीदारी का ऐसा दृश्य प्रस्तुत किया मानो पूरा हरिद्वार एक स्वर में कह रहा हो – “स्वच्छता ही संजीवनी है!”
इस ऐतिहासिक अवसर पर आईटीसी मिशन सुनहरा कल, नगर निगम हरिद्वार और ग्राम पंचायत औरंगाबाद सहित अनेक सामाजिक संस्थाओं ने मिलकर हरिद्वार को स्वच्छता आंदोलन का एक उज्ज्वल उदाहरण बना दिया।
नगर निगम से उठी स्वच्छता की गूंज
नगर निगम आयुक्त नंदन कुमार ने हरी झंडी दिखाकर जागरूकता रैली को रवाना किया। यह रैली नारायणशीला से देवपुरा होते हुए वाल्मीकि इंटर कॉलेज तक पहुँची और पूरे मार्ग को स्वच्छता के नारों और जनउत्साह से गुंजायमान कर दिया।
स्वयंसेवकों और विद्यार्थियों ने रास्ते में फैला प्लास्टिक व कचरा उठाया और 200 किलोग्राम अपशिष्ट एकत्र कर निस्तारण हेतु भेजा।
इस आयोजन में आईटीसी मिशन सुनहरा कल की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही। सचिन कांबले के नेतृत्व में मिशन की टीम और सहयोगी संस्थाओं – श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम, पीपीएचएफ, बंधन, प्रथम फाउंडेशन, मैजिक बस फाउंडेशन एवं लोक मित्र ने पूरे उत्साह के साथ योगदान दिया।
नगर आयुक्त नंदन कुमार ने कहा:
“स्वच्छता केवल सरकारी योजना नहीं, यह जीवन की अनिवार्यता है। हरिद्वार को पवित्रता और स्वच्छता का आदर्श बनाना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। इस दिशा में आईटीसी मिशन सुनहरा कल का योगदान सराहनीय और अनुकरणीय है।”
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गंभीर सिंह ने कहा:
“ऐसे प्रयास समाज में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की चेतना को गहराते हैं। आईटीसी मिशन सुनहरा कल द्वारा चलाए जा रहे मंदिर स्वच्छता अभियान और दीवार पेंटिंग जनजागरण के सशक्त माध्यम हैं।”
जनता की विराट सहभागिता
इस रैली में नगर निगम, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, सामाजिक संस्थाएँ, व्यापारी वर्ग और नागरिकों सहित 300 से अधिक लोगों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
आईटीसी मिशन सुनहरा कल की टीम से डॉ. पंत, आदित्य, सौरभ, रंजीत, आशा डोभाल, कुलदीप, गिरीश तिवारी, अमरजीत, अमित, सालू कुमारी, यासीन, दीपक, विमला, बबली, स्नेहा, दीपिका, शिखा और ग्रीन टेंपल सुपरवाइज़र आशू कुमार विशेष रूप से उपस्थित रहे।
स्वच्छता के गूंजते नारे
- “गंगा साफ़, जीवन ख़ास!”
- “माँ गंगा का मान बढ़ाओ, घाट को स्वच्छ बनाओ!”
- “गंगा की पवित्र धारा, स्वच्छ रखना है हमारा काम!”
- “स्वच्छ गंगा, स्वच्छ भारत!”
- “गंगा को मैला मत करो, अपना भविष्य उज्ज्वल करो!”
- “गंगा घाट का मान–सम्मान, स्वच्छता से
- ही पहचान!”
निष्कर्ष
स्वच्छोत्सव 2025 ने हरिद्वार को यह एहसास कराया कि स्वच्छता केवल जिम्मेदारी नहीं बल्कि एक पुण्य कार्य है।
जब प्रशासन, सामाजिक संस्थाएँ, नागरिक समाज और आईटीसी मिशन सुनहरा कल जैसी दूरदर्शी पहल साथ आती हैं तो स्वच्छता एक अभियान से आगे बढ़कर जनांदोलन बन जाती है।
माँ गंगा की गोद से उठी यह स्वच्छता की पुकार अब गाँव–गाँव और घाट–घाट तक पहुँचकर भारत को स्वच्छ, सुंदर और जागरूक बनाने की राह दिखा रही है।