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गंगा तट से गाँव तक स्वच्छता, स्वास्थ्य और समृद्धि से गढ़ती हरिद्वार की नई पहचान

आईटीसी मिशन सुनहरा कल संग स्वच्छोत्सव 2025 – गंगा तट से गाँव तक स्वच्छता, स्वास्थ्य और समृद्धि से गढ़ती हरिद्वार की नई पहचान

पावन नगरी हरिद्वार में आयोजित स्वच्छोत्सव पखवाड़ा केवल स्वच्छता का पर्व नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक, सामाजिक और स्वास्थ्य जनांदोलन बनकर सामने आया। “स्वच्छता ही सेवा” पखवाड़े के अंतर्गत, आईटीसी मिशन सुनहरा कल और श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम ने मिलकर मंदिर स्वच्छता, गंगा घाट सफाई, स्वास्थ्य शिविर, जन-जागरूकता रैलियाँ और नुक्कड़ नाटक जैसे विविध कार्यक्रमों के माध्यम से पूरे समाज में नई चेतना का संचार किया।

 

 मेरा देवालय – स्वच्छ देवालय

कनखल के प्राचीन हनुमानगढ़ी, दक्षेश्वर महादेव, चंडीदेवी और मनसा देवी मंदिर, हरकी पौड़ी अब स्वच्छता और भित्ति-चित्रों से सजे एक आध्यात्मिक सौंदर्य के प्रतीक बन चुके हैं।

हनुमानगढ़ी के मुख्य अर्चक एवं महंत डॉ. आनंद पुष्प ने कहा –

“आईटीसी मिशन सुनहरा कल और श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम का यह अभिनव प्रयास अनुकरणीय है। मंदिरों से निकले पुष्पों का गंगा में विसर्जन रोककर उनका खाद एवं धूपबत्ती में उपयोग वास्तव में दिव्य और उपयोगी पहल है।”

 गंगा घाटों से गाँव तक – अभिनव स्वच्छता मॉडल

कांवड़ पर्व के बाद शिव घाट, विष्णु घाट और दक्ष घाट पर जिला प्रशासन, नगर विधायक मदन कौशिक जी, रानीपुर विधायक श्री आदेश चौहान जी व आईटीसी मिशन सुनहरा कल के संयुक्त प्रयास से विशेष स्वच्छता अभियान चलाया गया।

मंदिरों से निकले निरमाल्य पुष्पों को धूप अगरबत्ती बनाने हेतु सरस केंद्र, जमालपुर कलां भेजा गया।

महिला समूहों व आकांक्षा दिव्यांग विद्यालय, भेल के दिव्यांग छात्र-छात्राओं ने इन्हें धूपबत्ती व अगरबत्ती में परिवर्तित किया।

इस पहल से न केवल गंगा प्रदूषण में कमी आई बल्कि पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद और स्थानीय रोजगार के नए अवसर भी सृजित हुए।

जनजागरूकता की विराट रैली

स्वच्छोत्सव का आगाज़ नगर निगम हरिद्वार से विशाल जन-जागरूकता रैली के साथ हुआ।

नगर आयुक्त श्री नंदन कुमार, IAS ने रैली को हरी झंडी दिखाते हुए कहा

“स्वच्छता केवल योजना नहीं, बल्कि जीवन की अनिवार्यता है। नगर निगम के साथ आईटीसी मिशन सुनहरा कल का सहयोग अनुकरणीय है।”

रैली नारायणशीला से देवपुरा होते हुए भल्ला इंटर कॉलेज तक पहुँची।

विद्यार्थियों व स्वयंसेवकों ने रास्ते से 300 किलो अपशिष्ट एकत्र कर निस्तारण किया।

मार्ग स्वच्छता नारों से गूंज उठा और जनचेतना का वातावरण बना।

आईटीसी मिशन सुनहरा कल – बहुआयामी स्वरूप

स्वच्छोत्सव 2025 ने यह दिखाया कि आईटीसी मिशन सुनहरा कल केवल स्वच्छता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण विकास और सामाजिक परिवर्तन का व्यापक मॉडल है।

 शिक्षा व बाल विकास

75 राजकीय विद्यालय व 50 आंगनबाड़ियों में पेंटिंग, साफ-सफाई और शिक्षण-सामग्री (TLM) उपलब्ध कराई गई।

बच्चों में स्वच्छता नेतृत्व विकसित किया गया।

डिजिटल शिक्षा प्रोजेक्ट से ग्रामीण विद्यार्थियों को स्मार्ट कक्षाओं व ई-लर्निंग से जोड़ा गया।

महिला सशक्तिकरण व आजीविका

350 अल्ट्रा पुअर महिलाओं को राष्ट्रीय आजीविका मिशन व ग्रामोत्थान परियोजना से जोड़ा गया।

टीएचपी प्रोग्राम से असहाय महिलाओं को स्वरोजगार मिला।

महिला स्वयं-सहायता समूहों को उत्पाद निर्माण, विपणन व कौशल विकास में प्रशिक्षित किया गया।

विश्व हृदय दिवस (29 सितम्बर) पर मेट्रो हॉस्पिटल सिडकुल और नगर पालिका शिवालिक नगर के सहयोग से 72 स्वच्छ दूतों का स्वास्थ्य परीक्षण हुआ।

मातृत्व व बाल स्वास्थ्य शिविर, आंगनबाड़ी चैंपियंस व पोषण परामर्श सत्र आयोजित हुए।

जल और पर्यावरण संरक्षण

वॉटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर, चेक डैम और तालाब पुनर्जीवन जैसी पहलों से ग्रामीण क्षेत्रों में जल स्तर सुधरा।

ग्रीन गंगा पहल के तहत देवालय विद्यालय आंगनबाड़ियों में पौधरोपण और जैव विविधता संरक्षण कार्य किए गए।

सतत कृषि और कौशल विकास

किसानों को सतत कृषि तकनीक, जैविक खेती और जल-संरक्षण पद्धतियाँ सिखाई गईं।

युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार और स्वरूपांतरण का अवसर मिला।

माननीय सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री  त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा –

“आईटीसी मिशन सुनहरा कल ने शिक्षा, आजीविका और स्वच्छता के क्षेत्र में जो कार्य किया है, वह हरिद्वार ही नहीं, पूरे उत्तराखंड के भविष्य को बदलने वाला है।”

स्वच्छ दूतों की सेहत – समाज की ताक़त

स्वच्छ दूत नूर अहमद ने भावुक होकर कहा –

“मैं असम से हूँ और यहाँ कूड़ा एकत्र करता हूँ। समाज में हमें अक्सर अलग नज़र से देखा जाता है, लेकिन आज पहली बार हमें सम्मान और स्वास्थ्य सुरक्षा दोनों मिले। यह हमारे लिए अविस्मरणीय है।”

यह उदाहरण साबित करता है कि स्वच्छता कर्मी केवल कार्यकर्ता नहीं, बल्कि समाज की असली ताक़त हैं।

 मेरा मंदिर – स्वच्छ मंदिर

शिवालिक नगर स्थित शिव मंदिर में विशेष स्वच्छता उत्सव आयोजित हुआ।

50 किलो सामान्य कचरा और 10 किलो प्लास्टिक हटाया गया।

मंदिर को प्लास्टिक-फ्री ज़ोन घोषित करने की पहल की गई।

मंदिर प्रबंधक एवं पूर्व सभासद नगरपालिका शिवालिक नगर श्री आलोक मेहता ने कहा –

“भगवान का वास केवल भक्ति में ही नहीं, स्वच्छता में भी है। मंदिर की स्वच्छता हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।”

स्वच्छता और पोषण पर नुक्कड़ नाटक

पीएचसी रोशनाबाद में पीपल टू पीपल हेल्थ फाउंडेशन और आईटीसी मिशन सुनहरा कल द्वारा नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया।

इसमें स्वच्छता, पोषण, मातृत्व सुरक्षा, संस्थागत प्रसव और शिशु देखभाल का संदेश दिया गया।

  • “स्वच्छता, पोषण और सुरक्षित मातृत्व केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी है। : डॉ. कोमल (मेडिकल ऑफिसर)

निष्कर्ष

स्वच्छोत्सव 2025 ने यह सिद्ध कर दिया कि जब प्रशासन, सामाजिक संस्थाएँ और नागरिक मिलकर काम करते हैं, तो स्वच्छता केवल अभियान नहीं, बल्कि एक विराट जनांदोलन बन जाती है।

गंगा घाटों से गाँव तक, मंदिरों से विद्यालयों तक और स्वच्छ दूतों से दिव्यांगजन तक—हर कोई इस पवित्र प्रयास का हिस्सा बना।

“स्वच्छ मंदिर – स्वस्थ समाज – समृद्ध राष्ट्र” का यह संदेश हरिद्वार से पूरे भारत तक गूंज रहा है।

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