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डॉ. चंद्रिका पवार का SBMA हरिद्वार का भ्रमण — ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और महिला सशक्तिकरण की गतिविधियों की सराहना

डॉ. चंद्रिका पवार का श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम हरिद्वार का भ्रमण — ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और महिला सशक्तिकरण की गतिविधियों की सराहना

आज दिनांक 11 अक्टूबर को Development of Corporate Citizenship, एस.पी. जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च (SPJIMR), मुंबई की प्रमुख डॉ. चंद्रिका पवार ने श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम, हरिद्वार कार्यालय का भ्रमण किया।

भ्रमण के दौरान डॉ. पवार ने संस्था द्वारा समाज सेवा, महिला सशक्तिकरण, एवं पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर SPJIMR कॉलेज से आए चार इंटर्न विद्यार्थी — प्रणव, अनिरुद्ध, प्रगति एवं ऋतुजा से उन्होंने संवाद किया तथा उनके द्वारा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (Solid Waste Management) के क्षेत्र में किए गए नवाचारों एवं प्रयासों की समीक्षा की।

M3M फाउंडेशन परियोजना के विद्यालयों का निरीक्षण

इसके उपरांत डॉ. पवार ने M3M फाउंडेशन के सहयोग से संचालित परियोजना के अंतर्गत चयनित विद्यालय — राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, कतरपुर का भ्रमण किया। विद्यालय पहुँचने पर बच्चों द्वारा पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका हार्दिक स्वागत किया गया।

डॉ. पवार ने विद्यालय के बच्चों एवं शिक्षकों से आत्मीय संवाद किया और संस्था द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में की जा रही गतिविधियों जैसे समावेशी शिक्षा, बाल-नेतृत्व विकास और विद्यालय सौंदर्यीकरण कार्यों का अवलोकन किया। उन्होंने संस्था के प्रयासों को “बाल विकास की दिशा में उल्लेखनीय कदम” बताया।

इसके पश्चात डॉ. चंद्रिका पवार ने श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम द्वारा आईटीसी मिशन सुनहरा कल के अंतर्गत गठित स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के सरस केंद्र — नूरपुर पंजनखेड़ी एवं जमालपुर कला का भी भ्रमण किया। सरस केंद्र की संचालक  विमला जोशी द्वारा टीम को महिलाओं द्वारा संचालित विभिन्न गतिविधियों जैसे

फ्लावर मैनेजमेंट (फूलों का पुनर्चक्रण), झाड़ू निर्माण एवं धूप-अगरबत्ती उत्पादन, लोकल उत्पादों का प्रसंस्करण और विपणन का प्रत्यक्ष अवलोकन करवाया।

डाक्टर पवार द्वारा महिलाओं के आत्मविश्वास, समूह-कार्य प्रणाली और उत्पाद गुणवत्ता को देखकर उन्होंने गहरी संतुष्टि व्यक्त की तथा इन प्रयासों को “ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने वाला जीवंत उदाहरण” बताया।

“हमें संस्था के कार्यों के बारे में जानकारी थी, लेकिन आज जाकर यह देखना अत्यंत प्रेरणादायी है कि श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम शिक्षा, स्वच्छता और महिला सशक्तिकरण जैसे विविध क्षेत्रों में इतने व्यापक स्तर पर कार्य कर रहा है। समूहों द्वारा किए जा रहे कार्य प्रशंसनीय हैं। : डॉ. पवार

उन्होंने विशेष रूप से सुझाव दिया कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (Solid Waste Management) के सफल मॉडलों को व्यवसायिक (Business Model) के रूप में विकसित कर व्यापक स्तर पर लागू किया जा सकता है।

इस अवसर पर संस्था के मानव संसाधन प्रमुख श्री ग्रीस डिमरी, परियोजना प्रबंधक डॉ. एच.पी. पंत, रंजीत , SPJIMR कॉलेज के इंटर्न विद्यार्थी प्रणव, अनिरुद्ध, प्रगति एवं ऋतुजा, साथ ही M3M फाउंडेशन के कार्यकर्ता अक्षय, पूजा एवं भुवन जोशी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में धूपबत्ती निर्माण से जुड़ी महिला समूह की सदस्याओं ने भी अपनी सफलता की कहानियाँ साझा कीं।

मानव संसाधन प्रमुख गिरीश डिमरी द्वारा कहा गया की श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना, शिक्षा को सशक्त करना तथा स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण के माध्यम से सतत विकास की दिशा में कार्य करना है।

डॉ. पवार का यह भ्रमण निश्चित रूप से संस्था के कार्यों के प्रति नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार करने वाला रहा।

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