अल्मोड़ा जेल से व्यापारी को मारने की रची जा रही थी साजिश, नाकाम रही साजिश, जेल के प्रभारी अधीक्षक समेत तीन बंदीरक्षक सस्पेंड

देहरादून। एसटीएफ एवं अल्मोड़ा पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा अल्मोड़ा कारागार में सर्च ऑपरेशन चलाया गया था जिसमें कारागार में निरुद्ध कैदियों के पास से मोबाईल फोन, सिम, मादक पदार्थ आदि बरामद हुआ था। इस कार्यवाही का संज्ञान लेते हुए श्री पुष्पक ज्योति महानिरीक्षक कारागार द्वारा निम्न कारागार कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया गया है।
1. श्री संजीव कुमार ह्यांकी, प्रभारी अधीक्षक
2. श्री शंकर राम आर्य, प्रधान बंदीरक्षक
3. श्री प्रदीप मालिला, बंदीरक्षक
4. श्री राहुल राय बंदीरक्षक

ये है पूरा मामला

अल्मोड़ा जेल से प्रदेश एक व्यापारी को मारने की साजिश रची जा रही थी। बकायदा वहां से कॉल व व्हाट्सएप पर यह योजना बनाई जा रही थी। इसके लिए कलीम गैंग ने बिहार से दो शूटरों को भी मंगाया था। पुलिस ने अल्मोड़ा जेल में छापा मारकर वहां से मोबाइल, सिम और 1.29 लाख रुपये बरामद किए हैं। एसटीएफ ने साजिश में शामिल जेल के ड्राइवर, दोनों शूटर और एक अन्य साजिशकर्ता को गिरफ्तार कर लिया है।

एसटीएफ की इस कार्रवाई की जानकारी सोमवार को डीजीपी अशोक कुमार ने पुलिस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में दी। उन्होंने बताया कि एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह को अल्मोड़ा जेल में बंद कलीम गैंग के वसूली में शामिल होने की सूचना
मिली थी। पता चला था कि कलीम रुड़की, मंगलौर, हरिद्वार और देहरादून में अपने गैंग के माध्यम से किसी व्यापारी की या तो हत्या करने वाला है। या फिर डरा धमकाकर वसूली की जाने वाली है। इसी सूचना के आधार पर सोमवार को
अल्मोड़ा जेल में छापा मारा गया।

यहां कलीम अहमद निवासी मोहल्ला किला, मंगलौर हत्या का दोषसिद्ध बंदी है। उसकी बैरिक में छापा मारकर एसटीएफ ने तीन मोबाइल, चार सिम और 1.29 लाख रुपये बरामद किए। जेल में कलीम के पास से कुछ मादक पदार्थ भी पकड़े गए हैं।
देर रात तक अल्मोड़ा जेल में छापा जारी था। पता चला कि कलीम जेल से ही अपने गैंग के सदस्यों के माध्यम से आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। वह व्हाट्सएप के माध्यम से अपने गैंग लोगों से संपर्क कर रहा था। उसने बिहार
के चंपारन से दो शूटरों को किसी व्यापारी पर हमला करने के लिए बुलाया है।

पुलिस ने इन दोनों शूटरों अक्षय कुमार निवासी बेतिया, पश्चिमी चंपारन और साहिब कुमार निवासी मझोलिया बेतिया, पश्चिमी चंपारन बिहार को गिरफ्तार कर लिया गया। इनकी मदद के लिए कलीम ने सद्दाम उर्फ गुल्लू निवसी कासमपुर, पथरी
और नदीम निवासी मंगलौर को लगाया हुआ था। एसटीएफ ने हरिद्वार क्षेत्र से इन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया। इनमें से सद्दाम के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा लक्सर में दर्ज है। आरोपियों को मंगलवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा।

कलीम के लिए ड्राइवर के खाते में आते थे पैसे, गिरफ्तार

पुलिस ने जेल के ड्राइवर ललित मोहन भट्ट को भी गिरफ्तार किया है। उसके खाते
में 10 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन मिला है। यह रुपया वह कलीम के लिए गैंग के
अन्य सदस्यों से मंगवाता था। ललित मोहन भट्ट उपनल के माध्यम से जेल में
भर्ती हुआ है। एसटीएफ उससे पूछताछ में लगी हुई है। अभी इस बात का भी पता
किया जा रहा है कि यह पैसा किन किन लोगों ने भेजा था।

हरिद्वार में संत के हत्यारे ने भेजे थे बिहार से शूटर

बिहार से दोनों शूटर वहां के कुख्यात पप्पू उर्फ लंगड़ा ने भेजे थे। पप्पू
उर्फ लंगड़ा ने हरिद्वार में 2006 में संत निवासाचार्य महाराज की हत्या की
थी। उनके आश्रम में लूट भी की गई थी। पप्पू हरिद्वार जेल में बंद था।
लेकिन, वर्ष 2015 में उसे मोतिहारी बिहार जेल में ट्रांसफर कर दिया गया था।
वर्तमान में वह जमानत पर है। कुछ दिन पहले उसने बहादराबाद के एक व्यापारी
से धन वसूलने का प्रयास किया था। इसके बाद उसके खिलाफ बहादराबाद थाने में
मुकदमा दर्ज किया गया था।

और सदस्यों की भी हो सकती है गिरफ्तारी

कलीम गैंग पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बड़े अपराधों को अंजाम दे
चुका है। उसके सदस्य पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर छिपे हो सकते
हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ ने छह टीमों का गठन किया है। इन टीमों
को दबिश के लिए रवाना कर दिया गया है।

 Pahad Samvad

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