शुक्रिंया उसका भी, जिसने जीवनदायनी आयुष्मान योजना का आइडिया दिया

शुक्रिंया उसका भी, जिसने जीवनदायनी आयुष्मान योजना का आइडिया दिया ।

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि प्रदेश भर में आयुष्मान योजना मरीजों के लिए संजीवनी साबित हो रही है। एक समय में हृदय रोग, किडनी रोग, मस्तिस्क रोग, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को लाइलाज इसलिए माना जाता था क्योंकि इसके इलाज में खर्चा होता है और वह सामान्य वर्ग की पहुंच से बहुत दूर था। लेकिन अब इन गंभीर बीमारियों में भी सामान्य वर्ग में भी उपचार के बाद जीने की उम्मीद फिर से जग गई है। और यह सब हो पाया है प्रदेश में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा संचालित आयुष्मान योजना के तहत। गंभीर बीमारियों के साथ आयुष्मान योजना के कुल आंकड़ों पर गौर करें तो अभी तक 3 लाख 60 हजार से अधिक बार लाभार्थी निशुल्क उपचार ले चुके हैं जिस पर राज्य सरकार का पांच से अरब से अधिक का खर्च हो चुका है।

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में किडनी रोग से जूझ रहे 1.38 लाख से अधिक मरीज आयुष्मान कार्ड का लाभ लेते हुए मुफ्त में डायलिसिस करा रहे हैं। देहरादून के अरिहंत अस्पताल में उपचार करा रही देहरादून माजरी निवासी अनीता कुकरेती अपना दर्द बयां करते हुए बताती हैं कि डायलिसिस की प्रक्रिया से ही हम जैसे मरीजों को प्राण मिलता है। यह प्रक्रिया बहुत महंगी है। लेकिन आयुष्मान के जरिए वह मुफ्त में उपचार ले रही हैं। वह सरकार का कोटि कोटि आभार जताते हुए कहती हैं कि यदि आयुष्मान नहीं होता तो हम जैसे मरीजों की सांसें तो कब की खत्म हो जाती।

वहीं हृदय रोग के 7354 से अधिक मरीजों का योजना के जरिए मुफ्त उपचार किया जा चुका है। इसके अलावा वर्न मैनेजमैंट के 434, कार्डियो थोरासिस एव वास्कुलर सर्जरी के 1133, न्यूरो सर्जरी के 4253 तथा कैंसर के 27112 लाभार्थियों को आयुष्मान के जरिए मुफ्त उपचार मिला। उक्त गंभीर बीमारियों पर अभी तक सरकार का 220 करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च हो चुकी है।

पहले हालात यह थे कि उक्त गंभीर बीमारियों का लोग नाम लेने तक में डरते थे। इसका कारण यह रहा कि गंभीर बीमारियों का उपचार तो था लेकिन वह बहुत खर्चीला था। आयुष्मान योजना ने इन बीमारियों के उपचार के मुफ्त उपचार की सुविधा भी आम जन तक पहुंचा दी है। आयुष्मान के हौसले से हर कोई गंभीर बीमारियों से लड़ रहा है और उन्हें पराजित कर फिर नया खुशहाल जीवन जी रहा है। अनीता कुकरेती जैसे अन्य लाभार्थी योजना के लिए प्रदेश सरकार का आभार जता रहे हैं।

गंभीर बीमरियों का उपचार विवरण

रोग मरीज खर्च करोड़ में

बर्न मैनेजमैंट 434 2.3

कार्डियोलॉजी 7254 55.5

काडियो थोरासिस 1133 12.8

एंड वास्कुलर सर्जरी

डायलिसिस 138516 55.5

न्यूरोसर्जरी 4253 19.8

कैंसर विज्ञान 27112 48.4

कुल 181545 से अधिक 220.9 से अधिक

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण,उत्तराखंड द्वारा जारी

 Pahad Samvad

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