नजरिया: ‘आम पार्टी’ के बाद जब अचानक मिले उत्तराखंड के दो पूर्व मुख्यमंत्री : चेहरे के हाव-भाव में झलकी अजब सी टीस

नजरिया: ‘आम पार्टी’ के बाद जब अचानक मिले उत्तराखंड के दो पूर्व मुख्यमंत्री : चेहरे के हाव-भाव में झलकी अजब सी टीस ।

अक्सर हम सभी यदा-कदा स्वप्न में देखते होंगे कि आप किसी फाइनल मैच में पहले ही बॉल पर बोर्ड हो गए हैं या फिर आपने देखा होगा कि आप जिस साम्राज्य के शासक हैं, वह सब कुछ लुट गया है या फिर किसी ऊंची इमारत से धड़ाम से नीचे गिर जाते हैं और लगता है कि अब सब कुछ (जीवन) खत्म हो गया है। इसी बीच आपकी नींद टूटती है और आप महसूस करते हैं कि ओह! यह तो एक स्वप्न था…। ठीक ऐसा ही एहसास संभवत: सत्ताच्युत होने के बाद भी होता है। यहां अंतर सिर्फ इतना होता है कि खोए हुए पद को पाने के लिए दोबारा से प्रयास करना पड़ता है, जबकि स्वप्न की स्थिति में आपकी सभी चीजें ज्यों का त्यों रहती हैं।

अब आज की तस्वीर पर गौर फरमाते हैं। संभवत “आम पार्टी” के बाद उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और त्रिवेंद्र रावत की आज अचानक मुलाकात हुई तो दोनों पूर्व सीएम ने एक दूसरे की कुशल क्षेम पूछी। इस दौरान दोनों नेताओं के साथ चल रहे उनके समर्थक भी उत्सुक नजरों से उन्हें देखने लगे।

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने अपनी इस मुलाकात वाली तस्वीर को अपने सोशल मीडिया में साझा किया है। वे लिखते हैं कि “लंबे अंतराल के बाद आदरणीय हरीश रावत जी से आज चलते चलते भेंट हुई। कोरोना के पश्चात उनके स्वास्थ्य में काफी सुधार देखा। स्वास्थ्य के बारे में पूछने पर उन्होंने अपने अंदाज में कहा “मैं स्वस्थ हूं”।”

इस तस्वीर को गौर से देखने पर दोनों पूर्व सीएम के चेहरे के हाव भाव में संभवत: एक ऐसी टीस झलक रही है, जो मानो एक-दूसरे के लिए बयां कर रही हो कि, – “जो भी हुआ अच्छा नहीं हुआ। या फिर जो हुआ अच्छा ही हुआ होगा, फिर से मेहनत करेंगे और पुन: उस खोई हुई चीज (सत्ता) को प्राप्त कर लेंगे… बस सही समय का इंतजार करते हैं…।”

वहीं दूसरी ओर हरीश रावत ने भी इस मुलाकात को अपनी सोशल मीडिया में इस प्रकार साझा किया है, – ” श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी को उत्साहपूर्ण मूड में देख कर अच्छा लगा।”

बहरहाल, उत्तराखंड के दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के पास खोने के लिए फिलहाल कुछ नहीं है। इसके बाद आगामी विधानसभा चुनाव में वे अपनी-अपनी पार्टी से जिस मुकाम पर भी पहुंचेंगे या सफलता पाएंगे, यह उनकी उपलब्धि ही होगी। वैसे भी किसी भी प्रदेश का सीएम होना किसी स्वप्न से कम नहीं होता…!

रिपोर्ट – जीवन शाह जी

 Pahad Samvad

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