मोदी जी के डिजिटल भारत में परिवहन विभाग के लिए भी कुछ हद तक आसानी होने वाली है। उत्तराखंड आने वाले हर रास्ते पर परिवहन विभाग के सिपाहियों के बजाय कैमरे वाहनों की निगरानी करते दिखेंगे। कैमरों के जरिए चालान काटने में भी आसानी होगी।
दिल्ली व उत्तर प्रदेश से लेकर कई राज्यों व देशों में इस तरह की मशीनरी को अपनाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत सड़कों पर कैमरे वाहनों की निगरानी कर रहे हैं। गलती पाए जाने पर उनका चालान भी कर रहे हैं। इसी तर्ज पर उत्तराखंड में भी तैयारी चल रही है। जानकारी के मुताबिक जल्द ही सभी रास्तों पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैमरे (Automatic number plate recognition camera) और आईपी इनेबल्ड कैमरे (IP In-built camera) लगाए जाएंगे।
गौरतलब है कि परिवहन विभाग के सिपाहियों द्वारा ही वाहन जांच का अधिकतर जिम्मा संभाला जाता है। उन्हें सभी चेकपोस्ट (checkpost) पर तैनात रहना होता है। सिपाहियों की जिम्मेदारी होती है कि वह वाहनों के टैक्स (tax from vehicles) से लेकर सभी तरह के बिलों की जांच करने के बाद ही वाहनों को आगे जाने की परमिशन दें। मगर अब इन सिपाहियों को कैमरों से मदद मिलेगी।
परिवहन विभाग इसकी जगह एएनपीआर कैमरे और आईपी इनेबल्ड कैमरे लगाने जा रहा है। कैमरे लगने के बाज उत्तराखंड की सीमा (borders of Uttarakhand) में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों की जांच कैंमरों के द्वारा की जाएगी। इतना ही नहीं बल्कि ऑटोमैटिक जांच (automatic testing) में गलती पाए जाने पर संबंधित वाहन का चालान भी काटा जाएगा।
सोमवार को परिवहन सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा (Dr. Ranjeet Sinha) ने विभाग के अधिकारियों संग आरटीओ व एआरटीओ (RTO & ARTO) की बैठक ली। जिसमें उन्होंने वाहनों को टैक्स जमा करवाने के साथ ही राजस्व वसूली बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोविड अवधि (Corona period) को छोड़कर बाकी सभी का रुका हुआ टैक्स वसूल किया जाए। नियम तोड़ने वालों पर किसी तरह की रहमत ना बख्शी जाए।