उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत क्या नवरात्रों में कांग्रेस पार्टी को छोड़कर कोई नया राजनैतिक ठौर तलाशने जा रहे हैं ? यह सवाल खुद बृहस्पतिवार 22 सितंबर को हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया पर उछाला है। उत्तराखंड में संगठन के सर्वोच्च निकाय प्रदेश कांग्रेस कमेटी की घोषणा के बाद से ही कांग्रेस के प्याले में उठा बवंडर शांत नहीं हुआ, उससे पहले ही हरीश रावत ने एक और नई सनसनी को जन्म दे दिया है। मालूम हो कि उत्तराखंड कांग्रेस में इन दिनों पीसीसी सदस्य चयन में सीनियर नेताओं की अनदेखी से कोहराम की स्थिति है। सूची से नाराज कांग्रेसी संगठन के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के बेटे अभिषेक सिंह व पिथौरागढ़ के विधायक मयूख महर ने पीसीसी सदस्य चयन में वरिष्ठ और जनाधार वाले नेताओं की अनदेखी की वजह से पीसीसी से इस्तीफा दिया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नवनिर्वाचित सदस्यों की घोषित सूची जो कि अभी विधिवत जारी नहीं की गई है, में 222 सदस्य शामिल किए जाने की सूचना है।
सूची में प्रदेश के दिग्गज और बड़े नेताओं और उनके परिवार के सदस्यों का दबदबा बताया गया है। पार्टी के कुल 19 विधायकों में 16 को ही इस सूची में जगह दी गई है। उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी व विधायक ममता राकेश इस सूची से बाहर हैं। कांग्रेस के 225 सांगठनिक ब्लाकों में से 222 सदस्यों की तैयार इस सूची में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, उनके पुत्र आनंद सिंह रावत व विधायक पुत्री अनुपमा रावत के साथ उनके कई समर्थकों व करीबियों को बतौर सदस्य तरजीह दिए जाने की खबर है।