खबर में जो लीड फोटो लगा है उसे जरा गौर से देखिए। बात जब पल्ले पड़ेगी तो पांव से जमीन खिसक जाएगी। आज के दौर में विकास के तमाम दावों के बाद भी यहां शर्मिंदगी की स्थितियां परेशान करने वाली हैं। जनहितों के वायदों की पोटली संभालने वाले मातहतों के सामने सिर झुकाने के सिवा कोई दूसरा चारा नहीं है। दीवार पर दिख रहे निशान किस अंतहीन पीड़ा की कहानी कह रहे हैं, पता नहीं। लेकिन सोचकर ही दिमाग चक्कर खाने लगता है।
जी हां, रविवार दिनांक 06 अगस्त, 2023 को रात्रि लगभग एक बजे भारी वर्षा से प्रेमदास पुत्र मातुदास निवासी ग्राम मरोड़ा, रा.क्षेत्र. मठियान, तहसील धनोल्टी का आवासीय भवन क्षतिग्रस्त हो गया है। दुर्घटना में 02 बच्चों की भवन के मलबे में दबकर मृत्यु हो गयी। प्रेमदास को हल्की चोटें आई, जिनको उपचारार्थ रा.प्रा.स्वा. केंद्र सत्यों सकलाना में भर्ती किया गया है। प्रभावित परिवार को ग्राम के पंचायत भवन में शिफ्ट किया गया है।
ये सूचना प्रशासन की ओर से आई है। निसंदेह ही आपदा के बाद जो होना चाहिए था, या यूं कहें कि जो होता आया है, प्रशासन ने वह किया। लेकिन आजादी के अमृतकाल में यहां किसी बंदे को सिर ढकने के लिए एक सुरक्षित छत तक मयस्सर नहीं हो पाई है यह इंसानियतं को कचोटने के लिए एक तरह से तो पर्याप्त है।
दुर्घटना में मृतक स्नेहा पुत्री प्रवीण दास, उम्र 12 वर्ष एवं रणवीर पुत्र प्रवीण दास, उम्र 10 वर्ष, निवासी ग्राम मरोड़ा शामिल हैं, ईश्वर इन दिवंगत आत्माओं को अपने चरणों में स्थान देवें, और मृतकों के बदनसीब पिता घायल प्रेमदास पुत्र मातु दास, उम्र 55 वर्ष, को स्वस्थ करने के साथ ही इस भयंकर पीड़ा सहने की भी शक्ति दे।
उजड़े घरौंदों में परिंदो का कलवर गुम हो गया, और शासन की ओर से मुआवजे व जांच की औपचारिकता भी जल्द हो जाएगी। लेकिन समाधान शायद यह नहीं बल्कि जरूरत ठोस और जमीनी कदम उठाने की है।