सिल्कयारा प्रकरण की रिपोर्टिंग हेतु सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा एडवाइजरी जारी
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार ने उत्तराखंड के सिल्कयारा के सुरंग में फंसे 41 मजदूरों की घटना की रिपोर्टिंग करने वाले टीवी चैनल के लिए एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में सुरंग में चल रहे बचाव कार्यों को बाधित न करते हुए संवेदनशील मुद्दे की रिपोर्टिंग सनसनीखेज तरीक़े से ना करने की सलाह दी गई है।
उत्तरकाशी टनल हादसे के 10वें दिन यानी आज कई राहत भरी खबरें सामने आई हैं। सुबह एक ओर जहां आधुनिक कैमरों की मदद से सुरंग में फंसे श्रमिकों का हाल जाना गया, वहीं शाम होते-होते ऑगर मशीन ने भी ड्रिलिंग शुरू कर दी है। बीते 12 नवंबर की सुबह उत्तरकाशी में एनएच पर निर्माणाधीन सुरंग टूटने से यूपी, उड़ीसा, हिमाचल, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों के 41 श्रमिक भीतर फंस गए थे। तमाम कोशिशों के बाद भी अब तक उन्हें बाहर नहीं निकाला जा सका है। इस बीच मंगलवार का दिन फंसे हुए लोगों और उनके परिजनों सहित देशवासियों के लिए मंगलकारी खबर लाया है। दिल्ली से मंगाए गए एंडोस्कोपिक कैमरों को आज सुबह सुरंग के भीतर पहुंचाकर फंसे लोगों की तस्वीरों के जरिए उनकी स्थिति सामने लाने में बड़ी कामयाबी मिली थी। शाम होते-होते अमेरिका निर्मित एडवांस ऑगर मशीन ने भी पूरी ताकत के साथ ड्रिलिंग शुरू कर बड़ी राहत पहुंचाई है।
ये बोले, राष्ट्रीय आपदा प्राधिकरण के सदस्य।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन भी मौके पर हैं। उन्होंने कहा कि सुरंग के भीतर पर्याप्त पानी, ऑक्सीजन और रोशनी की व्यवस्था की गई है। बताया कि जिन राज्यों के श्रमिक फंसे हैं, वहां के प्रशासन से लगातार संपर्क किया जा रहा है। जानकारी दी कि फंसे श्रमिकों के परिजन वहां लगाए गए चार इंच के पाइप के जरिए अपनों से बात कर रहे हैं।
केंद्र ने टीवी चैनलों को दी ये एडवाइजरी।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने टीवी चैनलों को सलाह दी है कि वह उत्तरकाशी सुरंग हादसे के मामले को सनसनीखेज न बनाएं। सनसनीखेज बनाने से फंसे लोगों के परिजनों पर गलत प्रभाव पड़ सकता है।
ऑगर मशीन से ही सफलता मिलने की उम्मीद।
सिलक्यारा सुरंग के अंदर खाने की सप्लाई के लिए छह इंच का पाइप आरपार होने के जो सकारात्मक नतीजे आएं हैं उससे बचाव अभियान से जुड़ी सभी एजेंसियां व जिला प्रशासन उत्साहित हैं। अब सभी को ऑगर मशीन से ही रेस्क्यू में सफलता मिलने की उम्मीद है, ऐसे में अन्य प्लान पर काम धीमा हो गया है। मंगलवार को अमेरिकी ऑगर मशीन से यहां दोबारा ड्रिलिंग का काम शुरू किया गया। जिससे 820 एमएम व्यास के पाइप मलबे में डाले जा रहे हैं। इन पाइपों को पूर्व में डाले गए 900 एमएम के पाइपों के अंदर से ही भेजा रहा है। सुरंग के अंदर काम करने वाले मजदूरों का कहना है कि पुरानी व नई मिलाकर अब तक कुल 35 मीटर तक ड्रिल हो चुकी है। जिससे सभी लोगों में सुरंग के अंदर ऑगर मशीन से ही खुशखबरी मिलने का इंतजार कर रहे हैं। इसके चलते बाकी प्लान पर काम धीमी गति से हो रहे हैं।