चमोली : बदरीनाथ धाम के नाम पर बनी 04-बदरीनाथ विधानसभा सीट पर 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा-कांग्रेस में घमासान की स्थिति बनी हुई है। इस सीट पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी की ओर से दो बार विधायक व एक बार मंत्री रहे राजेंद्र सिंह भंडारी का टिकट तय माना जा रहा है। जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की ओर से अभी तक टिकट के लिए दावेदारों में माथपच्ची चल रही है। भाजपा नेतृत्व की ओर से हाल ही में इस सीट पर टिकट वितरण को लेकर बनाई गई ए, बी व सी कैटेगरी में मौजूदा विधायक महेंद्र भट्ट को बी कैटेगरी में रखे जाने से जीत को लेकर भाजपा अभी से असहज महसूस कर रही है! यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी ने किसे टिकट दिया जाए विषय पर जिलेभर में आम व्यक्तियों से सुझाव भी मांगे गए हैं। सुझाव के आधार पर ही पार्टी के दावेदार पर आम सहमति बन सकती है।
बदरीनाथ विधानसभा का अपना राजनीतिक इतिहास भी है। राज्य गठन के बाद 2002 से लेकर 2017 के चारों चुनावों की बात करें तो इस सीट पर किसी भी दल को मतदाताओं ने एक बार से अधिक मौका नहीं दिया है। वर्ष 2002 में कांग्रेस पार्टी के डा.अनुसूया प्रसाद मैखुरी, 2007 में भारतीय जनता पार्टी के केदार सिंह फोनिया, 2012 में कांग्रेस पार्टी के राजेंद्र सिंह भंडारी व 2017 में भारतीय जनता पार्टी के महेंद्र भट्ट इस सीट पर विधायिकी कब्जाने में कामयाब रहे। इस सीट पर मतदाताओं ने एक बार भाजपा तो एक बार कांग्रेस को मौका दिया है।
कांग्रेस पार्टी की ओर से बदरीनाथ विधानसभा सीट पर पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र भंडारी का टिकट तय है। राजेंद्र भंडारी के राजनीतिक सफर की बात करें तो 1995 में कांग्रेस पार्टी में युवक कांग्रेस अध्यक्ष पद से उन्होंने अपनी राजनीतिक शुरुआत की। 1987 में वह पहली बार छात्र राजनीति में उतरे और राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के अध्यक्ष बने। उनकी राजनीतिक कुशलता का ही परिचय रहा कि फिर 1988 में छात्र छात्राओं ने उन पर भरोसा जताया और दुबारा महाविद्यालय का अध्यक्ष बनाया। उसके बाद राजेंद्र भंडारी पीछे नहीं हटे। 2003 में उन्होंने जिला पंचायत की सलना सीट से सदस्य बनकर जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट कब्जाई। 2007 में पहली बार विधानसभा चुनावों में अपनी किस्मत आजमाई और तब चमोली जिले की चार विधानसभा सीटों में से एक नंदप्रयाग विधानसभा सीट पर उन्होंने भाजपा प्रत्याशी व बदरीनाथ विधानसभा के मौजूदा विधायक महेंद्र भट्ट को हराया। 2012 में वह पहली बार बदरीनाथ विधानसभा से विधायक के उम्मीदवार बने और तब उन्होंने भाजपा प्रत्याशी व पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष प्रेमबल्लभ भटट को 10201 के भारी मतों से हराया। 2007 व 2012 में दोनों बार वह विधायक रहते हुए मंत्री रहे। राजेंद्र भंडारी द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान गोपेश्वर के कोठियालसैंण में बीटेक कालेज, पठियालधार में नसिर्ंग कालेज, पोखरी में बी फार्मा का शासनादेश, गोपेश्वर में बेस चिकित्सालय का शासनादेश, जोशीमठ पैनखंडा क्षेत्र को ओबीसी दर्जा दिलाने में अहम भूमिका, गोपेश्वर में श्रीदेव सुमन का कैंपस खुलवाने जैसे महत्वपूर्ण कार्य किए। इसके अलावा उन्होंने अपनी विधानसभा में कई पालीटेक्निक संस्थान भी खुलवाए। राजेंद्र भंडारी के इन ऐतिहासिक कार्यों के चलते इस बार इस सीट पर उनकी जीत लगभग तय मानी जा रही है। राजेंद्र भंडारी पोखरी, जोशीमठ व गोपेश्वर में आयोजित रैलियों के माध्यम से भी अपनी ताकत का अहसास दिला चुके हैं!
इधर, भाजपा में अभी टिकट हथियाने के लिए ही अभी माथापच्ची चल रही है। यहां टिकट के लिए एक अनार सौ बीमार जैसी स्थिति बनी हुई है। बदरीनाथ विधानसभा सीट पर भाजपा की ओर से मौजूदा विधायक महेंद्र प्रसाद, भाजपा के जिलाध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह रावत, जोशीमठ के नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, पूर्व जिलाध्यक्ष हरक सिंह नेगी सहित कई व्यक्ति अपनी दावेदारी जता चुके हैं। पार्टी द्वारा प्रदेश स्तर पर हाल में टिकट वितरण के लिए तीन कैटेगरी भी बनाई गई थी। जिसमें बदरीनाथ के मौजूदा विधायक महेंद्र प्रसाद का नाम बी कैटेगरी में डाला गया था। बी कैटेगरी में उन मौजूदा विधायकों का नाम डाला गया था जिनके नाम पर टिकट को लेकर सहमति या फिर असहमति हो सकती है। प्रदेश नेतृत्व के इस नियम के बाद भाजपा द्वारा जिलेभर में आम व्यक्तियों के सुझाव मांगने के लिए तीन वाहनों को भेजा गया है। इन वाहनों में जगह जगह आम व्यक्तियों से बेहतर प्रत्याशी का नाम पूछकर पर्चियां डलवाई गई हैं। बताया गया कि जिस भी व्यक्ति के नाम पर जनता सहमति बनाएगी उस व्यक्ति के टिकट को लेकर सभी दावेदारों में सहमति बन सकती है। इसके लिए भाजपा ने 13 जनवरी को भाजपा कार्यालय में जिलाध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट के नेतृत्व में सुझाव पत्र खोलने की बात भी कही है।