आज रविवार के दिन राज्य की राजनीति में सबसे अधिक चर्चित नाम की बात करें, तो कांग्रेस से बद्रीनाथ के विधायक राजेंद्र भंडारी रहे, आज सवेरे सबसे पहले उनका इस्तीफा ब्रेकिंग न्यूज़ बना तो उसके बाद, नई दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन करना, फिर सोशल मीडिया पर एक वीडियो जो एक दिन पुराना ही बताया जा रहा हैं, जिसमें वह राजनीति में रहने तक कांग्रेस में रहने की बात कह रहें हैं तो कार्यकर्ताओं से सोशल मीडिया पर ईंट का जवाब पत्थर से भाजपा को देने को कह रहें हैं-वहीं भाजपा पर शब्दाई तिखें बाण छोड़ते नजर आ रहें है।
और फिर अचानक शाम होते-होते कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का वह पत्र, जो उन्होंने विधानसभा अध्यक्षा माननीय ऋतु खंडूरी जी को लिखा है, जिसमें उन्होंने बात कही है कि बद्रीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी का इस्तीफा कांग्रेस को प्राप्त हुआ है जिसे कांग्रेस पार्टी ने स्वीकार कर लिया है और कांग्रेस विधायक भंडारी ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है, इस स्थिति में दल बदल कानून के तहत कार्यवाही करते हुए उनकी सदस्यता खत्म करने की मांग की हैं।
आज की राजनीति में कब क्या हो जाए यह कह पाना बड़ा कठिन है, आम नागरिक जिन्हें अपने 5 सालों के लिए चुनता हैं, कि वह 5 सालों तक उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा करेंगे परंतु स्वार्थ की तरफ बढ़ती राज्य की राजनीति, राज्य की बर्बादी का कारण बनते जा रही है, आज 23 वर्षों बाद भी उत्तराखंड में स्वास्थ्य शिक्षा के हालात, सड़क के हालात या किसी भी मौलिक अधिकार के हालात बड़ी चिंता का विषय बने हुए हैं, जनता जिन्हें उम्मीद के साथ चुनकर विधानसभा भेजती है वह कब अपने दल को बदल लेते हैं कुछ नहीं पता, चुनाव आते-आते यह अधिक होने लगता हैं जिससे कई राजनीतिक और सामाजिक नागरिक हित के सवाल खड़े होने लगते हैं क्योंकि जनप्रतिनिधि सबसे पहले अपना स्वार्थ देखते हुए मतदाताओं की भावनाओं की हत्या कर देते हैं और उसके बाद फिर उनकी उम्मीदों की।
नागरिक के अधिकार सिर्फ अच्छी सरकार से नहीं बचेंगे क्योंकि राजनीति की परिभाषा एक यह भी हैं की सदन में मजबूत विपक्ष होना आवश्यक हैं।
देखना होगा दल बदल कानून के तहत आगे क्या कार्यवाही माननीय विधानसभा अध्यक्षा के माध्यम से होती हैं और कब होती हैं।