धामी सरकार के यूसीसी कानून से चल-अचल संपत्ति पर मिलेगा मजबूत उत्तराधिकार
विरासत की चल-अचल सपत्ति पर वारिश को समयबद्ध मिलेंगे कानूनी अधिकार।
प्रॉपर्टी के कस्टोडियन को लेकर डीएम और न्यायालय के पास सुरक्षित अधिकार
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार के यूसीसीसी(यूनिफॉर्म सिविल कोड) कानून में चल-अचल संपत्ति पर भी विरासतन हक मजबूती से मिलेंगे। खासकर विवादित और शत्रु संपत्ति पर उत्तराधिकार जताने वालों को सभी कानूनी प्रक्रिया अपनानी होगी। इसमें दूसरे की जमीनों पर अधिकार जताना अब आसान नहीं होगा।
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून चल-अचल संपत्ति में उत्तराधिकार के मामलों में महत्वपूर्ण साबित होगा। विधानसभा में पेश कानून के विधेयक के अध्यय-3 की धारा 186 से 203 तक स्पष्ट रूप से मृतक की संपत्ति पर विरासत के रूप में अधिकार जताना आसान नहीं है। अब ऐसी संपत्ति उत्तराधिकार के लिए तय कानूनी प्रक्रिया से गुजरना होगा। इसके पीछे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार की मंशा साफ है कि किसी की संपत्ति पर कोई गलत तरीके से न तो अधिकार जताए और न ही वास्तविक उत्तराधिकारी को संपत्ति के लिए भटकना पड़े। अब कानून में ऐसी संपत्ति को डीएम के पास कस्टोडियन तैनात करने के अधिकार होंगे। इसके अलावा कोर्ट की जांच के बाद तय प्रक्रिया के तहत वास्तविक उत्तराधिकार को अधिकार दिए जाएं। साथ ही कानून में कस्टोडियन आवेदन करने, वाद लाने, पब्लिक कस्टोडियन की नियुक्त का अधिकार रखता है।
छह माह के भीतर करें कस्टोडियन को आवेदन
यूसीसी में जिला न्यायाधीश को ऐसी संपत्ति, जिनके वास्तविक मालिक की मृत्यु के मामले में वारिश छह माह के भीतर कस्टोडियन के लिए आवेदन कर सकते हैं। इससे न्यायालय तय प्रक्रिया के तहत कस्टोडियन की अनुमति दे सकता है।