उत्तराखंड का सख्त नकल विरोधी कानून बना मॉडल
पीएम मोदी के विजन को साकार कर रहे मुख्यमंत्री धामी
लोकसभा में पेश किया गया लोक परीक्षा विधेयक
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कसौटी पर उत्तराखंड सरकार खरी उतरी है। प्रधानमंत्री के निर्देशन और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य में लागू सख्त नकल विरोधी कानून अब पूरे देश के लिए मॉडल बनने जा रहा है। केंद्र सरकार की ओर से लोक परीक्षा विधेयक आज सोमवार को लोकसभा में पेश किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को मुख्यमंत्री धामी साकार करने का काम कर रहे हैं। आज उत्तराखंड जहां केंद्र की योजनाओं को धरातल पर उतारने में अव्वल रहा है, वहीं धामी सरकार के फैसले भी दूसरे राज्यों के लिए नजीर बन रहे हैं। अब उत्तराखंड का सख्त नकल विरोधी कानून देश के लिए मॉडल बनने जा रहा है। केंद्र सरकार विभिन्न परीक्षाओं में पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकने के लिए लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) विधेयक लाई है। इस विधेयक के कानून बनने के बाद संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षाओं के साथ-साथ मेडिकल, इंजीनियरिंग, विश्वविद्यालय यूजी/पीजी प्रवेश परीक्षा आदि प्रवेश परीक्षाएं इस कानून के दायरे में आएंगी।
उत्तराखंड में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिभावान युवाओं के लिए नकल माफिया ग्रहण बना हुआ था। सरकार ने इस नेटवर्क को ध्वस्त करने का फैसला किया। इसके लिए सख्त नकल विरोधी कानून लाया गया। फरवरी 2022 में यह कानून राज्य में लागू कर दिया गया। कानून के तहत आजीवन कारावास और ₹10 करोड़ तक के जुर्माने का प्रावधान है। उत्तराखंड में इस कानून के लागू होने के बाद आज सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में योग्य अभ्यर्थी चयनित होकर आ रहे हैं। दूसरी ओर नकल माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई लगातार जारी है। अब तक 60 से अधिक आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है और 17 करोड़ से अधिक की सम्पत्ति जब्त की जा चुकी है।