डा धन सिंह रावत स्वास्थ्य महकमे की सेहत सुधारने में जुटे

अब स्वास्थ्य महकमे की सेहत सुधारने में जुटे डा धन सिंह रावत . डा धन सिंह रावत  ने कहा कि आयुष्मान व गोल्डन कार्ड की दिक्कतें होंगी दूर निजी अस्पताल संचालकों एवं आईएमए पदाधिकारियों के साथ स्वास्थ्य मंत्री ने की चर्चा . कोरोना की संभावित तीसरी लहर से लड़ने के लिए तैयारियों पर रहा फोकस .उत्तराखंड चिकित्सा परिचर्या सेवाकर्मी और सेवा संस्था अधिनियम लागू करने की मांग.

देहरादूनः प्रदेश में सहकारिता उच्च शिक्षा को बेहतर करने के बाद अब कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने में जुट गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी संभालते ही उन्होंने आईएमए पदाधिकारियों एवं निजी अस्पताल संचालकों के साथ बैठकें कर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को और सुदृढ करने के उद्देश से विस्तारपूर्वक चर्चा कर सुझाव मांगे। निजी अस्पताल संचालकों एवं आईएमए पदाधिकारियों ने उपचार के दौरान आयुष्मान कार्ड एवं गोल्डन कार्ड के उपयोग में आ रही समस्याओं को विभागीय मंत्री के समक्ष रखा। जिस पर डा. रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सूचीबद्ध अस्तपालों में कार्ड धारकों को उपचार के दौरान आ रही व्यवहारिक दिक्कतों को शीघ्र दूर कर दिया जायेगा। इसके लिए उन्होंने दूरभाष पर ही स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी को निर्देशित किया।

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने आज विधानसभा स्थित सभाकक्ष में निजी अस्पतालों के संचालकों एवं आईएमए के पदाधिकारियों के साथ स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर विस्तारपूर्वक चर्चा की। इस दौरान अस्पताल संचालकों एवं आईएमए पदाधिकारियों बताया कि उपचार के दौरान आयुष्मान एवं गोल्डन कार्ड धारकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है साथ ही राज्य के कई लोग ऐसे हैं जिनका नाम आयुष्मान भारत की सूची में अभी तक शामिल नहीं हो पाया है तथा मरीज की बीमारी का पता लगने से पूर्व के जांच के बिलों एवं आपातकालीन चिकित्सा सुविधा के लिए योजना में कोई व्यवस्था नहीं है। जिस पर विभागीय मंत्री ने कहा कि वह शीघ्र विभागीय अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक आयोजित कर आयुष्मान एवं गोल्डन कार्ड संबंधी समस्याओं का समाधान करेंगे।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण की सम्भावित तीसरी लहर को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री डा. रावत ने निजी अस्तपताल संचालकों को हर परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा साथ ही उन्होंने आईएमए के पदाधिकारियों से भी समय-समय पर सरकार को जन उपयोगी सुझाव देने तथा स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ आम जन तक पहुंचाने के लिए सहयोग करने की अपेक्षा की। आईएमए पदाधिकारियों एवं निजी अस्पताल संचालकों ने समय-समय पर अस्पतालों में चिकित्सकों एवं सहयोगी स्टाफ के साथ होने वाली अप्रिय घटनाओं पर रोक लगाने के लिए उत्तराखंड चिकित्सा परिचर्या सेवाकर्मी और सेवा संस्था अधिनियम को प्रभावी तरीके से लागू करने की मांग की। जिस पर विभागीय मंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार द्वारा इस संबंध में शीघ्र आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।

बैठक में कुलपति स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय डा. विजय धस्माना, कुलपति श्री गुरू रामराय विश्वविद्यालय डा. यू.एस. रावत, आईएमए उत्तराखंड महासचिव डा. अजय खन्ना, अध्यक्ष देहरादून इकाई डा. अमित सिंह, कोषाध्यक्ष डा. संजय उप्रेती, प्रबंध निदेशक सीएमआई अस्पताल डा. महेश कुडियाल, निदेशक डा. आर.के. जैन, डा. अजित गैरोला, निदेशक अरोग्यधाम अस्पताल डा. विपुल कंडवाल, सीईओ वेलमेड अस्पताल डा. ईशान शर्मा, एम.एस. मैक्स अस्पताल डा. राहुल प्रसाद, चेयरमैन सिनर्जी अस्पताल डा. कृष्ण अवतार, एम.डी. डा. कमल कांत, डा. हरीश कोहली, डा. राजेश तिवारी, डा. आलोक सेमवाल, डा. रूपा, डा. सुमन, सुनील कुकरेती सहित कई निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

 Pahad Samvad

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