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हरिद्वार: पुलिस ने 36 घंटे में बरामद किया चोरी हुआ आठ माह का बच्चा, ढाई लाख में हुआ था सौदा, 6 महिला सहित एक पुरुष गिरफ्तार

हरिद्वार की ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत कड़च्छ से शनिवार को हुए 8 माह के बच्चा चोरी का खुलासा डीआईजी गढ़वाल ने किया। 36 घंटे के अंदर बच्चा चोरी के आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने 7 लोगों को गिरफ्तार कर सकुशल बच्चा परिजनों को सौंप दिया है। बच्चा मिलते ही परिजनों के चेहरे खुशी से खिल उठे और पुलिस को धन्यवाद दिया। ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र से हुए बच्चा चोरी करने वाला कोई और नहीं बल्कि पड़ोसी ही निकला। पैसों के लालच में आकर पड़ोस की रहने वाली महिला ने बच्चा चुराया था। पूछताछ में बताया गया है ढाई लाख में बच्चा हरिद्वार के कपड़ा व्यापारी को बेचना था। पुलिस की सघन चेकिंग के दौरान बच्चे को सकुशल हरिद्वार के सप्त ऋषि से बरामद कर लिया गया है। पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है दिन में 6 महिला सहित एक पुरुष शामिल हैं।
मामले का खुलासा करते हुए डीआईजी गढ़वाल करण सिंह नागन्याल नहीं बताया शनिवार को पुलिस को बच्चा चोरी होने की सूचना मिली थी। जिस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे खंगाले। जिसमें बच्चा ले जाने वालों का पता चल गया। आज बच्चा सकुशल प्राप्त कर परिजनों को सौंप दिया है। वहीं बच्चे की मां बेटे को वापस पाकर बेहद खुश नजर आई। उसने पूरे पुलिस प्रशासन का धन्यवाद किया। मालूम हो कि मामले की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी पुलिस प्रशासन को त्वरित कार्यवाही कर बच्चे की सकुशल बरामदगी के निर्देश दिए थे।
पुलिस ने मामलेका खुलासा कर पड़ोसन मां-बेटी, उनकी एक रिश्तेदार, एक आशा, एक आंगनबाड़ी कार्यकत्री समेत खरीदार युवक को गिरफ्तार कर लिया। डीआईजी रेंज करन सिंह नगन्याल नेपुलिस टीम को तीस हजार नकद इनाम देनेकी घोषणा की है। रविवार को एसएसपी कार्यालय में शिवांग अपहरण कांड का खुलासा करतेहुए डीआईजी रेंज करन सिंह नगन्याल नेबताया कि शनिवार को मोहल्ला कड़च्छ सेअपह्रत रविंद्र के बेटे शिवांग को बरामद कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि पड़ोसी युवती किरण ने बच्चे को अपनी मां सुषमा को सौंप दिया था। सुषमा ने उसे मोहल्ले में रहने वाली समधन अनीता को दे दिया। अनीता ने आशा कार्यकत्री रुबी, आंगनबाड़ी कार्यकत्री आशा निवासी मोहल्ला कड़च्छ को दे दिया था। नगन्याल नेबताया कि, इन दोनों ने बच्चे को ढाई लाख रुपए में संजय पुत्र अशोक निवासी श्यामपुर कांगड़ी को बेच दिया।


पचास हजार की रकम इन्होंने ले ली थी। दो लाख बाद में देना तय हुआ था। बकौल डीआईजी एक स्थानीय पत्रकार की मदद से बच्चेको बरामद किया गया।

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