उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। आगामी 10 मई को केदारनाथ धाम के साथ ही यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को भक्तों के दर्शनार्थ खोले जाएंगे।
चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का उत्साह पंजीकरण के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए ही बनता है। चारों धामों और हेमकुंड साहिब के लिए तीर्थयात्रियों के पंजीकरण का आंकड़ा 18,73,242 लाख तक पहुंच गया है।
वहीं यात्रा की तैयारी के मद्देनजर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और डीजीपी अभिनव कुमार ने बदरीनाथ धाम पहुंचकर पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया। मुख्य सचिव ने पुनर्निर्माण कार्यों को समय से पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
चारधाम यात्रा के लिए लाखों की संख्या में हुए पंजीकरण को देखते हुए सरकार भी उत्साहित है। यात्रा के शुरुआती दिनों में आम श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए मुख्य सचिव ने अन्य राज्यों को पत्र भेज कर अनुरोध किया है कि यात्रा शुरू होने के 15 दिन तक वीआईपी और वीवीआईपी दर्शनों को टाला जाए। पूरी सरकारी मशीनरी इस समय यात्रियों के लिए व्यवस्थाएं बनाने में जुटी हुई है।
ऐसे में कोई भी वीआईपी धामों में दर्शन के लिए आते हैं तो पूरी सरकारी मशीनरी उनकी सुरक्षा में लग जाएगी। इससे आम श्रद्धालुओं के लिए दिक्कत हो सकती हैं। खासकर केदारनाथ में वीआईपी दर्शनों को टालने का अनुरोध मुख्य सचिव किया है।
बता दें कि चारधाम यात्रा के लिए 15 अप्रैल से 2 मई तक 18,73,242 लाख श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है, जिसमें केदारनाथ धाम के लिए सबसे ज्यादा पंजीकरण हुए हैं। केदारनाथ धाम के लिए 6,51,193, बदरीनाथ धाम के लिए 5,50,710, गंगोत्री धाम के लिए 3,38,202, यमुनोत्री धाम के लिए 2,99,369 और हेमकुंड साहिब के लिए 33,768 श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है।