जमरानी परियोजना से किसान और काश्तकार होंगे समृद्ध, खुलेंगे रोजगार के द्वार
देहरादून। नैनीताल जिले के काठगोदाम के समीप गौला नदी पर प्रस्तावित जमरानी बांध परियोजना को केंद्रीय कैबिनेट की ओर से मंजूरी मिलने से इसके निर्माण शुरू होने की एक बड़ी बाधा दूर हो गई है। इस परियोजना के बनने से बिजली उत्पादन के साथ ही पेयजल और सिंचाई के लिए भी पानी मिलेगा।
सिंचाई के लिए पानी मिलने से अनाज और फल का उत्पादन भी बढ़ेगा। उत्पादन बढ़ने से कृषि क्षेत्र के उद्योग बढ़ेंगे। इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा। किसानों को अपने कृषि उत्पादों को बेचने के लिए बड़ा बाजार मिलेगा। किसानों की आय बढ़ेगी और वह आर्थिक रूप से अधिक मजबूत होंगे।
– बिजली-पानी की समस्या होगी दूर
इस परियोजना के बनने से उत्तराखंड के साथ ही उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भी सिंचाई, बिजली और पेयजल की सुविधा उपलब्ध होगी। इस परियोजना से 14 मेगावाट बिजली पैदा होगी। परियोजना से हल्द्वानी शहर और आसपास के क्षेत्रों के लिए 42.70 मिलियन क्यूबिक मीटर पेयजल मिलेगा। इससे लगभग साढ़े दस लाख लोगों को फायदा होगा।
खासकर हल्द्वानी व आसपास के क्षेत्र में पेयजल और सिंचाई की बहुत पुरानी समस्या का समाधान हो सकेगा। परियोजना से लगभग डेढ़ लाख हेक्टेयर कृषि योग्य क्षेत्र सिंचाई सुविधा से लाभांवित होगा।
पलायन रोकने में भी मिलेगी मदद
परियोजना के निर्माण में स्थानीय लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार मिलेगा। राज्य सरकार की भी यही नीति है कि उद्योगों या परियोजनाओं में अधिक से अधिक स्थानीय और राज्य के लोगों को रोजगार के अवसर मिलें। ऐसा होने पर राज्य में पलायन को रोकने में भी मदद मिलेगी।
– कुशल और अकुशल श्रेणी के युवाओं को भी मिलेगा रोजगार
प्रस्तावित जमरानी परियोजना के निर्माण पर बड़े स्तर पर कार्य होगा। इससे व्यापक पैमाने पर रोजागार के साधन भी उपलब्ध होंगे। बांध परियोजना के निर्माण में कुशल, अकुशल श्रेणी के अलावा इंजीनियर, तकनीशियन, सुरक्षाकर्मी, मजदूर वर्ग को भी रोजगार मिलेगा।