पहाड़ संवाद Hindi News Portal of Uttarakhand

उत्तराखंड स्लाइडर

मालन का पुल: मैडम, भूल गई, आपके श्रधेय पिताजी की ही देन है ये पुल 

मालन का पुल::: मैडम, भूल गई, आपके श्रधेय पिताजी की ही देन है ये पुल

देहरादून। सत्ता की लालसा आदमी से क्या न करा दे। अब मैडम अध्यक्ष को ही लीजिए। मैडम अध्यक्ष कोटद्वार की विधायक भी हैं। बीते रोज मालन नदी पर बना पुल क्या टूटा मैडम दे दना दन अफसरों पर पिली पड़ी हैं। कल दिन में उनका एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वे अपर सचिव को घोर रूप में धमकाते हुए देखी और सुनी जा रही हैं, वहीं रात से उनका एक पत्र भी वायरल हो रहा है इसमें मैडम ने डीएम पौड़ी को लिखा है कि मालन पर बने पुल के क्षतिग्रस्त होने के फलस्वरूप जहां आमजन की दिक्कतें बढ़ गई हैं तो उन्होंने यह भी बताया है कि कैसे भू-कटाव को रोका जाए। मैडम का कहना है कि मालन के मध्य को गहरा करते हुए पानी के बहाव को सीमित करना आवश्यक है।

खैर, अब हम आपको बताते हैं कि जिस मालन पुल को लेकर मैडम ने अफसरों की जो इतनी मजममत की हुई है उस पुल का निर्माण किसी और क समय नहीं बल्कि खुद उनके श्रधेय पिताजी पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी के कार्यकाल में हुआ। तो फिर तो ते वही बात हो गई न कि “करे कोई और भरे कोई।”

आईये, अब आंकड़ो के हवाले से बताते हैं कि मालन पर बने पुल के कर्ताधर्ता कौन हैं। तो आपको बता दें कि खंडूरी सरकार के दौरान ही 2007 में कोटद्वार नगर और भाबर क्षेत्र को जोड़ने वाले मालन नदी के पुल का शिलान्यास किया गया था। बताया जाता है कि इस पुल के लिए तत्कालीन भूतल परिवहन मंत्री रहे श्रधेय खंडूरी जी ने ही स्वीकृतियां दी थी। तो अब कोई मैडम को बताए कि पुल बनने की कहानी आपके पिताजी के कार्यकाल में शुरू हुई, यहां तक कि जब पुल का निर्माण शुरू हुआ तो आपके पिता ही प्रदेश के मुखिया थे तो अब भला अफसरों को डांट डपटकर क्या जताया जा रहा है। उधर,खुसर पुसर है कि मैडम पुल टूटने की आड़ में अपनी राजनीतिक महत्वकांशा की पूर्ति होने के दिन में सपने देख रही हैं। पहले भी वे ऐसे सपने देख चुकी हैं, खैर सपने देखने मे कोई दिक्कत नहीं। एक नहीं बल्कि सौ बार देखें पर बेवजह किसी का ठीकरा किसी और के सिर न फोडें।

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *

यदि आप अपना कोई लेख या कविता हमारे साथ साझा करना चाहते हैं तो आप हमें हमारे (pahadsamvad@gmail.com) Email के माध्यम से भेजकर साझा कर सकते हैं!