देहरादून- उत्तराखंड में सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में मरीजों के लिए ब्रांडेड दवा लिखने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई होगी। सरकार द्वारा राज्य के सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे डॉक्टरों को चिन्हित किया जाए।
मामला आम जनता से जुड़ा है सस्ती दवा उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने सरकारी अस्पतालों में जन औषधि केंद्र खोले हैं। केंद्र सरकार के स्तर पर भी प्रधानमंत्री जन औषधि योजना भी चलाई जा रही है। लेकिन डॉक्टरों को जेनेरिक दवाएं लिखने के निर्देश के बावजूद अधिकांश सरकारी मरीज के लिए डॉक्टर ब्रांडेड दवाएं लिख रहे हैं, लिहाजा अब सरकार ऐसे डॉक्टरों को बख्शने के मूड में नहीं है। स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार के अनुसार सरकार द्वारा सभी सीएमओ और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को ऐसे डॉक्टरों की पहचान करने के निर्देश दिए हैं ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।