Nainital Lake: Nainital Lake पर आने वाले सैलानियों को चप्पू वाली अथवा पैडल वाली नाव से नौकायान करने का अवसर मिलता है । लोग याह पाल नौकायन का भी आन्नद लेते हैं ।
झील के उत्तरी छोर को मल्लीताल तथा दक्षिणी को तल्लीताल के नाम से जाना जाता है। तल्लीताल क्षेत्र का एक भाग एक पुल के ऊपर बना है जिसे स्थानीय लोग डाठ के नाम से जानते हैं ।
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नेनी झील (Nainital Lake) हरी-भरी घाटियों से घिरा हुआ है। यात्री, यहाँ यैचिंग (पाल नौकायन), रोइंग, पैडलिंग (नौकायन) जैसी गतिविधियों का आनंद लेते हैं।
नैनीताल झील ‘तीन संतों की झील (Nainital Lake Lake Of The 3 Saints)
किंवदंतियों के अनुसार, आँख के आकार की इस झील का निर्माण उस स्थान पर किया गया था, जहां हिंदू देवी सती की बाईं आंख गिर गई थी (जब भगवान शिव उन्हें कैलाश पर्वत ले कर जा रहे थे)। नैनीताल को ‘3 संतों की झील’(Lake Of The 3 Saints) या ‘त्रि-ऋषि-सरोवर’ के नाम से भी जाना जाता है। इस नाम को ‘श्री स्कन्द पुराण’ के ‘मानस खंड’ नामक अध्याय में उल्लेखित किया गया है। इस अध्याय से यह पता चलता है कि 3 संत जिनके नाम अत्री, पुलस्त्य और पुलाह थे, जिन्होने अपनी तीर्थ यात्रा के दौरान, प्यास मिटाने के लिए, पानी की खोज में, नैनीताल में रुके थे और यही पर कहीं भी पानी ना मिलने के बाद उन्होंने एक गड्ढा खोदा और मानसरोवर झील से लाए गए कुछ जल से इस गड्ढे को भर दिया, जिसके वजह से नैनी झील( Nainital Lake) का निर्माण हुआ।