मोनिटर फिल्म मूलतः कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम पर सामाजिक जागरूक्ता पर एड – फिल्म है। इसकी पठकथा इस प्रकार है। कि एक कन्याओं के स्कूल में छोटी – छोटी कन्याएं जिन्दगी में ऊचे – ऊचे प्रोफेषनल ख्वाब देख रही है। उनकी षिक्षिका प्राचार्य के कार्यालय मे कोई काम से जाती है। वापस आने मे पाती है कि सभी अबोध कन्याऐं अन्धेरे मे गुम हो जाती है। षिक्षिका समझ जाती है कि आज भी कई कन्याओं की भ्रूण हत्या हो रही है। तभी कक्षा की मोनिटर स्वर्ग मे परी बनकर स्क्रीन पर लोगों से पूछती है……. “क्या आपको बेटियां चाहिए…….. सोचिये ?” तभी षिक्षिका स्क्रीन पर आती है और सन्देष देती है “बेटियां बचेगीं तो पढेंगी, और समाज गढेंगी….. सोच बदलिए देष बदलेगा”।
इस फिल्म का निर्देषन व कथा, पठकथा अन्तराष्ट्रीय अर्वाड बिजेता संजय सनवाल का
है । जो पिछले 20 वर्षो से मुम्बई मे फिल्म मेकिंग कर रहे हैं। नैनिताल मे पले – बडे संजय सनवाल ने अभी हाल मे बालीबुड के जाने माने कलाकार रजित कपूर व मीता बषिष्ठ को लेकर एक फिल्म बनाई है जिससे एक दर्जन से भी ज्यादा अन्तराष्ट्रीय अर्वाड मिल चुके है। इससे पहले भी संजय सनवाल की बनाई हुई फिल्में अन्तराष्ट्रीय पटल पर सम्मानित की जा चुकी है।
फिलहाल उनकी एड फिल्म मोनिटर को नवाडा अन्तराष्ट्रीय फेस्टिबल मे बेस्ट ज्यूरी अर्वाड से समानित किया गया है। जिसमें 55 देषों की 1650 फिल्मो ने प्रतिभाग किया। इस फिल्म मे कैमरे की जिमेदारी देहरादून के प्रसिद्ध कैमरामैन राजेन्द्र सिंह बिष्ट ने सम्भाली, सेट – विजय जुयाल, पंच राईटर- अमर ठाकुर, एडिटर व प्रोडक्षन- बिजय किरौला, संगीत- विदित तनवर ने किया है।श्
इस फिल्म मे कला के रंग बिखेरे माला नैथानी, प्रेरणा भण्डारी, आद्रिका सनवाल, अली व ए. पी. एन स्कूल बल्लूपूर चैक की छात्राऐं ।