अध्यापन के साथ – साथ संस्कृति को भी बचा रहे हैं भटाड (जौनसार) के सुरेश मनमौजी
एक शिक्षक के साथ साथ अपनी संस्कृति बोली भाषा को भी बचा रहे भटाड, काण्डोई (जौनसार) के सुरेश मनमौजी। बचपन से ही लिखने में रुचि । कक्षा 6 में लिखी पहली कविता। 1995 में निकली पहली कैसेट। उत्तरांचल की कलम…