पहाड़ संवाद Hindi News Portal of Uttarakhand

उत्तराखंड स्लाइडर

उत्तराखण्ड में पीएमजीएसवाई-1 एवं 2 के अवशेष कार्यों को पूर्ण करने की बढ़ी समयसीमा, मार्च 2025 तक किया गया विस्तारित।

उत्तराखण्ड में पीएमजीएसवाई-1 एवं 2 के अवशेष कार्यों को पूर्ण करने की बढ़ी समयसीमा, मार्च 2025 तक किया गया विस्तारित।

ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान का प्रदेशवासियों की ओर से जताया आभार।

देहरादून, 24 अगस्त। भारत सरकार ने प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों, मानसून में पर्वतीय क्षेत्रों में अतिवृष्टि, दैवीय आपदा, निरन्तर होने वाले भूस्खलन आदि के कारण उत्तराखण्ड में पीएमजीएसवाई-1 एवं 2 के अवशेष कार्यों को पूर्ण किये जाने की समयसीमा को मार्च 2025 तक विस्तारित किया गया है। जिसके लिए सूबे के ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान का प्रदेशवासियों की ओर से आभार व्यक्त किया। ग्ग्राम्य विकास मंत्री ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी आभार जताया कि उन्होंने इसको लेकर केंद्रीय मंत्री से वार्ता की।

ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि जून माह में उनके द्वारा केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से दिल्ली में भेंट के दौरान उनसे उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण पीएमजीएसवाई-1 की 94 सड़के तथा एवं पीएमजीएसवाई-2 की 03 अवशेष सड़को के कार्यों को पूर्ण करने के लिए 06 माह आगे बढ़ाने का आग्रह किया गया था। ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी के आग्रह को स्वीकार करते हुए ग्रामीण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा मार्च 2025 तक पीएमजीएसवाई-1 एवं 2 के अवशेष कार्यों को पूर्ण के लिए समय सीमा बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा कि अवशेष कार्यों की समयसीमा बढ़ने से ₹273 करोड़ का व्यय भार राज्य सरकार पर नहीं पड़ेगा। ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार उत्तराखण्ड जैसे विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्य की विभिन्न विकास योजनाओं के लिए सहयोग मिलता रहेगा। उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा कि राज्य द्वारा हर सम्भव प्रयास करते हुए विस्तारित समयसीमा के अन्तर्गत समस्त योजनाओं के अवशेष कार्यों को पूर्ण कर लिया जायेगा।

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *

यदि आप अपना कोई लेख या कविता हमारे साथ साझा करना चाहते हैं तो आप हमें हमारे (pahadsamvad@gmail.com) Email के माध्यम से भेजकर साझा कर सकते हैं!