सुनो सरकार, केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने उठाई इंटर्न एमबीबीएस डाक्टरों पीड़ा
सत्यपाल नेगी/रुद्रप्रयाग
केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने उत्तराखण्ड सरकार के मुखिया को भेजे पत्र के माध्यम से एमबीबीएस इंटर्न को मिलने वाले स्टाईफण्ड पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि प्रशिक्षित एमबीबीएस डाक्टर इंटर्नशिप के दौरान दैनिक अप्रशिक्षित मजदूर से भी कम दिहाड़ी देकर डाक्टर पेशे का अपमान नहीं कर रही है?
एमबीबीएस करने के बाद मेडिकल कॉलेज में इंटर्न्स कर रहे युवा कोविड आदि में 12 घंटे काम करते हैं। बदले में उनको मिलता है सिर्फ 250 रुपये प्रतिदिन। इतना तो अप्रशिक्षित मजदूर को भी नहीं मिलता है। अप्रशिक्षित मजदूर इन प्रशिक्षित डाक्टरों को मिलने वाली दिहाड़ी से दोगुना कम से कम पांच सौ रुपये रोज प्राप्त करता है।
इंटर्न एमबीबीएस डाक्टर जिनकी ड्यूटी कोविड मरीजों के इलाज में लगाई गई है। इस ड्यूटी को खतरनाक माना गया है। क्योंकि कोविड इलाज के दौरान देश में हजारों डाक्टरों तथा पैरा मेडिकल स्टाफ की मौत हो चुकी है। इतनी खतरनाक ड्यूटी दे रहे इंटर्न डाक्टरों को दिए जा रहे मानदेय को विधायक ने न केवल नाकाफी बताया है, बल्कि शर्मनाक भी बताया है