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आपातकाल में लोकतंत्र के सेनानियों का सम्मान किया जाना जरूरी

देहरादूनः मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आपातकाल के दौरान लोकतंत्र के लिये संघर्ष करने वाले लोकतंत्र सेनानियों के त्याग व समर्पण को याद करते हुए कहा कि लोकतंत्र के लिये यातनाये सहने वाले सेनानियों का हम सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के सम्मान को किस प्रकार और अधिक व्यापकता प्रदान की जाय इसके लिये अन्य राज्यों द्वारा अपनाई गई प्रक्रियाओं का भी अध्ययन किया जायेगा। उन्होंने ऐसे लोगों के आश्रितों को भी सम्मान दिये जाने की बात कही।
शनिवार को बीजापुर अतिथि गृह में नित्यानन्द स्वामी जन सेवार्थ समिति द्वारा आपातकाल की 46वीं वार्षिकी पर उत्तराखण्ड के लोकतंत्र सेनानियों के साथ (वर्चुवल) सम्वाद कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि आपातकाल के कालखण्ड का इतिहास हमे बताता है कि किस प्रकार हमारे लोगो ने लोकतंत्र की रक्षा के लिये यातनाये सही। ऐसे लोकतंत्र के सेनानियों के सम्मान की परम्परा को बनाये रखना होगा। उन्होंने कहा कि उनके सम्मान में किस प्रकार और बेहतर व्यवस्था की जा सकती है, इसके लिये अन्य राज्यों द्वारा इस सम्बन्ध में की जा रही व्यवस्थाओं का अध्ययन किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी देश में लोकतंत्र की मजबूती के लिये कार्य कर रहे हैं। लोकतंत्र के सेनानियों के सपनो को वे साकार कर रहे हैं। मोदी जी मजबूत लोकतांत्रिक राष्ट्र के वैभव के साथ ही सांस्कृतिक भारत की समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने श्री रणवीर सिंह ज्याला, श्री राजकुमार टांक, श्री हरीश कम्बोज आदि को शॉल भेंट कर सम्मानित भी किया।
इस कार्यक्रम में वर्चुवल रूप से सांसद श्री नरेश बंसल, प्रेम बुडाकोटी, रोशन लाल अग्रवाल एवं संयोजक श्री योगेश अग्रवाल आदि ने भी सम्बोधित किया
मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने शनिवार को अपने भागीरथीपुरम स्थित आवास से सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा के योग विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित अन्तरराष्ट्रीय वेबिनार को शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय द्वारा वेबिनार के माध्यम से योग को आम जन तक ले जाने का सराहनीय प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में ऋषि, मुनियों एवं योग साधकों द्वारा प्राचीन समय से ही योगाभ्यास किये जाते रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने योग को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का कार्य किया। 2015 से प्रत्येक 21 जून को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि योग मनुष्य को शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रखता है। योग को अपनी नियमित दिनचर्या में लाना जरूरी है। योग की वजह से भारत की विश्व स्तर पर अलग पहचान है।
इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से मुख्य वक्ता डॉ. एच.आर. नागेन्द्र, कुलपति सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय प्रो. एन.एस. भण्डारी, डॉ. नवीन भट्ट, सुश्री मोनिका बंसल आदि उपस्थित थे।

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