अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा पढ़िए क्या है मामला। 

आतंकवादी संगठन तालिबान ने अफगानिस्तान में बड़े पैमाने पर तबाही मचाने तथा अधिकतर प्रांतों और राष्ट्रीय राजधानी काबुल पर कब्जा करने के बाद कहा है कि अफगानिस्तान की नयी सरकार में संगठन के बाहर के भी कुछ लोग शामिल होंगे।

तालिबान के प्रवक्ता सोहेल शाहीन ने सीएनएन को यह जानकारी दी। उसने कहा, “जब हम एक अफगान समावेशी इस्लामी सरकार की बात कर रहे हैं, तो इसका मतलब है कि अन्य अफगानिस्तानियों की भी सरकार में भागीदारी होगी।

उसने जोर देकर कहा कि किसी विशेष नाम का उल्लेख करना जल्दबाजी होगी, लेकिन तालिबान कुछ ‘प्रसिद्ध हस्तियों’ को नये मंत्रिमंडल में शामिल करने की कोशिश कर रहा है।

शाहीन के अनुसार, अफगानिस्तानी सेना और पुलिस के वे अधिकारी, जो आत्मसमर्पण कर हथियार सौंप देंगे और नयी सरकार के अधीन सेवा के लिए तैयार होंगे, उन्हें उनकी जान की माफी और संपत्ति की गारंटी मिलेगी।

गौरतलब है कि देश के 34 प्रांतों की राजधानियों में से 26 पर कब्जा करने के बाद रविवार को तालिबान ने काबुल में प्रवेश किया, जिसके बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी ने इस्तीफे की घोषणा की और देश छोड़ दिया। श्री गनी ने कहा कि उन्होंने हिंसा को रोकने के लिए यह निर्णय लिया क्योंकि आतंकवादी राजधानी पर हमला करने के लिए तैयार थे।

 Pahad Samvad

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