वाह! अफसर हो तो तिवारी जी जैसा! छात्रों को समय से किताबें न मिली तो अधीनस्थ संग अपना वेतन भी दिया रुकवा

वाह! अफसर हो तो तिवारी जी जैसा! छात्रों को समय से किताबें न मिली तो अधीनस्थ संग अपना वेतन भी दिया रुकवा

देहरादून। अपनी गलतियों को भी दूसरे सिर मढ़ने के दौर में उत्तराखंड के शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने एक बड़ा और अच्छा कदम उठाया हैं।

सरकारी स्कूलों में छात्रों को समय पर किताबें वितरित न होने के लिए तिवारी ने आज अपने अधीन सभी अफसर और किताब वितरण से जुडे कार्मिकों के वेतन पर रोक लगा दी।

इसके साथ साथ खुद को भी नैतिक रूप से बच्चों का दोषी मानते हुए अपना वेतन भी रुकवाने का निर्णय किया है। जब तक शत प्रतिशत स्कूली छात्र-छात्राओं को किताबें नही मिल जाती तब तक तिवारी भी तनख्वाह नहीं लेंगे।

विभागीय मुखिया के रूप में अधीनस्थों की गलतियों का दोष खुद भी बांटने के लिए मजबूत नैतिकता और साहस चाहिए ही होता है।

 Pahad Samvad

यदि आप अपना कोई लेख या कविता हमारे साथ साझा करना चाहते हैं तो आप हमें हमारे (pahadsamvad@gmail.com) Email के माध्यम से भेजकर साझा कर सकते हैं!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *