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प्रभारी सचिव ने पकड़ा मामला, Doctor ने लिखी थी अस्पताल से बाहर की दवा

Dehradoon. आज दोपहर को प्रभारी सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग व एनएचएम, मिशन निदेशक डॉ. आर राजेश कुमार ने राजकीय संयुक्त चिकित्सालय प्रेमनगर, देहरादून में औचक निरीक्षण किया।
प्रभारी सचिव द्वारा इमरजेंसी वार्ड का निरीक्षण किया गया, जहां साफ-सफाई ना होने पर, आपातकालीन में आने वाले मरीजों के लिए फर्नीचर, स्ट्रेचर, आदि की अवस्था को देखकर नाराजगी व्यक्त की। जिसमें सीएमएस को आदेशित करते हुए शीघ्र ही व्यवस्था को सुदृढ़ किये जाने के निर्देश दिए। इसके पश्चात उनके द्वारा ड्यूटी चार्ट का भी निरीक्षण किया गया।
प्रभारी सचिव व एनएचएम, मिशन निदेशक डॉ. आर राजेश कुमार द्वारा ड्रग स्टोर का निरीक्षण किया गया, जहां बच्चों की दवाईयों में भारी कमी को ध्यान में ऱखते हुए जल्द से जल्द इसे दूर करने के निर्देश दिए गये।
चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान प्रभारी सचिव द्वारा जगह-जगह अंधेरा और सफाई की अव्यवस्था पायी गई तथा मरीजों-तीमारदारों के लिए सूचना पट्ट न होने के कारण दिक्कतें देखने को मिली। उन्होंने चिकित्सालय के अधीक्षक को सभी व्यवस्था को जल्द दुरुस्त करने का आदेश दिया।
इसके बाद चंदन पैथोलॉजी लैब का निरीक्षण कर जानकारी ली गयी, तथा पैथोलॉजी सेवा को 104 हेल्पलाइन नंबर से जोडने की बात कही ताकि लोगों को 24 घंटे सुविधा का लाभ मिल सके।
प्रभारी सचिव द्वारा चिकित्सालयों में आए मरीजों-तीमारदारों से वार्ता कर अस्पताल में मुहैया सुविधाओं के बारे में तथा स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ किए जाने को लेकर जानकारी ली और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

प्रभारी सचिव ने निरीक्षण के दौरान पाया कि एक महिला अपने 8 माह के बच्चे के साथ वार्ड में है जिसको 450 रुपये की दवा निजी केमिस्ट से लिखी, जिसको प्रभारी सचिव द्वारा गंभीरता से लिया गया तथा सीएमएस को निर्देश दिए कि प्राय: संज्ञान में आता है कि जो दवा व जांचे सरकार द्वारा नि:शुल्क दी जाती है, अगर उन दवाओं व जाचों को निजी चिकित्सालयों के लिए लिखा पाया गया तो उनको खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।

प्रभारी सचिव द्वारा सीएमएस को निर्देश दिए गये कि वह प्रतिदिन जो दिशा-निर्देश दिए गए उनको मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को प्रेषित करें। साथ ही प्रभारी सचिव ने उन्हें प्रतिदिन समय समय पर अस्पताल का राउंड मारते हुए मरीजों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए, एवं हर सप्ताह प्रभारी सचिव को सीएमएस द्वारा रिपोर्ट प्रेक्षित की जाएगी। इस प्रकार से यदि डॉक्टर द्वारा मरीजों का वार्ड में निरीक्षण नहीं किया जाएगा तो प्रभारी सचिव द्वारा उचित अनुशासत्मक कार्यवाही की जाएगी।

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