पहाड़ संवाद Hindi News Portal of Uttarakhand

उत्तराखंड

प्रदेश सरकार बहन बेटी के हाथ में पैन थमाने के बदले घस्यारी योजना लागु कर फिर से दरांती थामना चाह रही : गणेश गोदियाल

एक बात सच है की बिपक्ष में बैठे लोगों को सरकार का विकास कभी दिखता ही नहीं है सरकार ने पेशावर कांड के नायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के पूर्ण तिथि पर घस्यारी योजना क्या लागु करि तो ये बात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल को पचि नहीं।
गणेश गोदियाल शुक्रवार को पाबौ ब्लाक के सैंजी गांव पहुंचे। शनिवार को अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने सैजी ग्राम सभा में ग्रामीणों को सम्बोधित किया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा केंद्र व प्रदेश सरकार झूठ का पुलिंदा हैं।

सरकार ने पेशावर कांड के नायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के नाम पर भी राजनीति के सिवा कुछ नहीं किया। गोदियाल ने कहा कि पांच साल पूर्व तत्कालीन रक्षामंत्री ने गढ़वाली की पुण्यतिथि पर क्षेत्र में सैनिक स्कूल खोलने की घोषणा की थी। लेकिन पांच साल गुजर जाने के बाद भी इसमें दिशा में केन्द्र सरकार और प्रदेश सरकार ने कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह व प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत को जनता से झूठे वादे के लिए माफी मांगनी चाहिए।

प्रदेश सरकार की घस्यारी योजना पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा स्वास्थ्य मंत्री मां, बहन-बेटियों को घस्यारी किट थमा वर्षों पुरानी परंपरा में धकेलने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने क्षेत्र में शिक्षा की अलख जगाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि उनका सपना है कि राठ क्षेत्र बहन-बेटियां पढ़-लिखकर बड़े अफसर बने। लेकिन प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बहन-बेटियों के हाथ में दरांती थमाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए कहा आप बहन-बेटियों के हाथ में कलम देखना चाहते हैं या दरांती ये फैसला आपको करना है।

गोदियाल ने कहा कि जनता बेरोजगारी और महंगाई से परेशान है, लेकिन केंद्र सरकार चंद पूंजीपतियों के हाथों की कठपुतली बनकर रह गई है। इससे पहले उन्होंने देवराड़ीखाल-बूंगीधार, थलीसैण, चौखाल, मजरा महादेव व पैठाणी में बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं की बैठक ली और जनसभा को भी संबोधित किया।

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *

यदि आप अपना कोई लेख या कविता हमारे साथ साझा करना चाहते हैं तो आप हमें हमारे (pahadsamvad@gmail.com) Email के माध्यम से भेजकर साझा कर सकते हैं!