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दुखद : CMIअस्पताल ने नहीं स्वीकारा गोल्डन कार्ड, उद्यान कर्मचारी की मौत, परिजनों में आक्रोश

देहरादून  : प्रदेश की राजधानी देहरादून के CMI अस्पताल से एक दुखद घटना सामने आ रही है जहाँ लोग बड़ी आस लगाये दूरदराज पहाड़ी छेत्रो से कई किलोमीटर दूर चलकर अपना इलाज करने आते है और उनकी अस्पताल के द्वारा ऐसे जेब कटी जताई है पूछो मत। एक तरफ मोदी सरकार वादा कर रही है की हम पांच लाख तक का फ्री इलाज गोल्डन कार्ड या स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से कराएँगे और अब CMI जैसे अस्पताल ने गोल्डन कार्ड लेने से साफ़ इंकार कर दिया

राज्य कर्मचारियों की स्वास्थ्य सेवाओं को वेहतर बनाने के लिए बनाया गया गोल्डन कार्ड अब सूचीबद्ध अस्पताल लेने से मना कर रहे हैं, जिससे धनअभाव के कारण कर्मचारी बिना इलाज के दम तोड़ रहे हैं इसी तरह का ताजा मामला देहरादून के प्रसिद्धि सीएमआई अस्पताल में देखने को मिला है जहां पर उद्यान विभाग की युवा कर्मचारी जो कि प्रभारी राजकीय उद्यान उत्तरकाशी जरमोला की दुर्घटना मैं घायल होने के कारण सीएमआई अस्पताल में भर्ती थे। उद्यान कर्मचारियों ने सचिव को लिखे लेटर में अस्पताल पर आरोप लगाया है कि इलाज के लिए उपयोग किये जाने वाला गोल्डन कार्ड लेने से सीएमआई अस्पताल ने मना कर दिया । धनाभाव के कारण घायल कर्मचारी की मौत हो गई।

लेटर इस प्रकार है।

कर्मचारियों को जारी गोल्डन कार्ड को सूचीबद्ध चिकित्सालयों द्वारा स्वीकार नहीं करने के कारण युवा कर्मचारी के आकस्मिक निधन के सम्बन्ध में।
उपरोक्त विशयक अवगत कराना है कि सरकार द्वारा कार्मिकों को बिमारियों के उपचार हेतु गोल्डन कार्ड उपलब्ध कराये गये है। गोल्डन कार्ड के लिये कार्मिकों के वेतन से नियमित रूप से धनराषि की कटौती की जा रही है, जिससे सरकार के पास करोड़ों रूपये जमा हो रहे है। सरकार द्वारा सूचीबद्ध चिकित्सालयों द्वारा गोल्डन कार्ड स्वीकार नहीं किये जा रहे है। गोल्डन कार्ड स्वीकार नहीं करने के कारण उद्यान विभाग का युवा कर्मचारी सुधीर उनियाल, प्रभारी राजकीय उद्यान जरमोला, उत्तरकाषी जो दुर्घटना में घायल होने के उपरान्त सी0एम0आई0 हॉस्पिटल, देहरादून में भर्ती थे, को दिनांक 24.01.2022 को अपनी जान गवानी पड़ी।  धनाभाव के कारण विभागीय कर्मचारियों ने धनराषि एकत्र कर स्व उनियाल के उपचार हेतु प्रयास किया फिर भी धनराषि की कमी के कारण स्व उनियाल को नहीं बचाया जा सका। कर्मचारियों से गोल्डन कार्ड के नाम से वसूली जा रही धनराषि को तत्काल बन्द करते हुये वसूली गई धनराशि कर्मचारियों को वापस लौटाने हेतु मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड़ शासन से निवेदन किया गया है, तथा जिन अस्पतालों द्वारा मनमानी कर कर्मचारियों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है, उनके विरूद्ध तत्काल कठोर कार्यवाही व धनराषि के अभाव में जान गवा बैठे युवा कर्मचारी के परिवार को उचित मुआवजा प्रदान कराने हेतु सम्बन्धित को निर्देषित करने हेतु भी निवेदन किया गया है। युवा कर्मचारी के आकस्मिक निधन से कार्मिकों में भारी रोश व्याप्त है।

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