यदि हाई कमान हरक को पार्टी में शामिल करती है तो ये पार्टी कार्यकर्त्तााओं का अपमान है – मनोज रावत
भाजपा से निष्कासित कर दिए जाने के बाद डॉ. हरक सिंह रावत कांग्रेस का खटखटा रहे दरवाजा ।
हरक बोले में अपने लिए नहीं उत्तराखंड के विकास के लिए काम करता हूँ ।
राजनीति में कौन कब दुश्मन बन जाए और कौन कब मित्र बन जाए ये समझ से परे है। उत्तराखण्ड में वक्त-वक्त पर सियासत का यह रंग भी खूब देखने को मिला है। इस वक्त हाॅट हुयी उत्तराखंड की सियासत में यह कहावत चरितार्थ हो रही है।
2016 में कांग्रेस से बागी हुए कैबनेट मंत्री और आज बीजेपी से बर्खास्त हुए कैबनेट मंत्री हरक सिंह रावत आज किसी परिचय के मोहताज नहीं। दरसल हरक सिंह, चाहे सत्ता किसी की भी हो वो सत्ता में रहना चाहते है |और उनका राजनीती में एक लम्बा अनुभव भी है । निर्दलय चुनाव लड़ेंगे तब भी जीतने का जज्बा रखते हैं | तो उनको कोटद्वार शीट से कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंदर नेगी से इतनी बौखलाहट क्यों थी ? वे बीजेपी पर दवाव बनाकर राजनीती करना चाहते थे और अपनी मनपसंद शीट से चुनाव लड़ने की मांग कर रहे थे । प्रदेश की राजनीति के केंद्र में छाए पूर्व मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की कांग्रेस में वापसी की पटकथा बहुत पहले लिखी जा चुकी थी, लेकिन अब इस मसले पर पार्टी के प्रदेश स्तरीय नेताओं ने एक तरह से चुप्पी साध ली है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत उनकी घर वापसी के खिलाफ हैं। वही कांग्रेस के दिगज हरक सिंह रावत की वापसी से नाखुश नजर आ रहे है हरीश रावत ने एक निजी चैनल में कहा है की हरक सिंह को वो 2016 की घटना को याद करना चाहिए ।
भाजपा से निष्कासित किए गए पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत की कांग्रेस में एंट्री से पहले ही केदारनाथ के विधायक मनोज रावत ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मनोज रावत ने कहा कि भाजपा में रहते हुए डॉ हरक सिंह रावत ने अपने लिए 3 विधानसभा सीटों में जिनमें केदारनाथ, लैंसडोन और डोईवाला की डिमांड कर रहे थे। लेकिन उनकी डिमांड दिन पर दिन हाईकमान पर दबाव बना रही थी। जिसके बाद भाजपा ने उन्हें विधानसभा चुनाव से पहले ही उनकी विदाई कर दी और उन्हें सारे पदों से हटा दिया। और 6 साल के लिए पार्टी से भी निष्कासित कर दिया गया है। विधायक मनोज रावत का कहना है कि हरक सिंह रावत ने भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन का मॉडल पेश किया है। डॉ हरक के कुप्रबंधन के दर्जनों मामले उनके पास है, जिन्हें जरूरत पड़ने पर वह कभी भी सामने रख सकते हैं।
हरक सिंह रावत अपनी बहू के साथ आज दिल्ली में पार्टी के बड़े नेताओं की मौजूदगी में कांग्रेस का हाथ थामेंगे। वहीं हरक सिंह रावत ने मंगलवार को मीडिया से कहा कि मैंने आज सुबह कांग्रेस पार्टी के नेताओं से बात की है। वह मुझे जल्द ही अपना निर्णय बताएंगे और मैं उसी के आधार पर अपने फैसले लूंगा। उन्होंने कहा कि वह हरीश रावत मेरे बड़े भाई हैं। मैं उनसे सौ बार माफी मांग सकता हूं। मैं उत्तराखंड का विकास चाहता हूं।
टिकटों की घोषणा हरक एपीसोड के पूरा होने के बाद विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस में अब टिकटों की घोषणा हरक एपीसोड के पूरा होने के बाद ही होगी। वहीं पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी ने फंसी हुई सीटों पर एक बार फिर मंथन बैठक कर पैनल तैयार कर लिए हैं, जिन्हें मंगलवार को केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) को सौंपा जाएगा।