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कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ की समीक्षा करते मंत्री गणेश जोशी

कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ की समीक्षा करते मंत्री गणेश जोशी।

देहरादून, 16 जून। प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता हुई कृषि विभाग की समीक्षा बैठक के क्रम में आज कैंप कार्यालय में कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। समीक्षा के दौरान कृषि मंत्री गणेश जोशी ने विभाग द्वारा अब तक किए जा रहे कार्यों की प्रगति की भी जानकारी ली। मंत्री ने बैठक में विभागीय अधिकारियों को केंद्र पोषित एवं राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। मंत्री ने किसानों को अधिक से अधिक मुनाफा हो इसके दृष्टिगत योजनाएं बनाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही मंत्री ने अधिकारियों को सिंचाई और लघु सिंचाई विभाग कृषि एवं उद्यान विभाग के साथ समन्वय से कार्य करने के भी निर्देश दिए।

बैठक में अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि पीएफएमई योजना के तहत 289 फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्वीकृत की जा चुकी है। जिसका स्थापित किए जाने का कार्य किया जा रहा है। साथ ही पीएफएमई देहरादून, पौड़ी, नैनीताल के आलावा अन्य स्थानों पर की कार्य गतिमान है। मंत्री ने अधिकारियों को किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए योजना बनाने के भी निर्देश दिए। बैठक में कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा राज्य में मिलेट (श्रीअन्न) के उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि मोटे अनाज लगातार मांग बढ़ रही है। कहा मिलेट्स के उत्पाद को किसान अधिक से अधिक उत्पादन करे इसके लिए सशक्त कार्य योजना बनाई जाए।

मंत्री ने मिलेट मिशन में बेहतर क्रियान्वयन के लिए शीघ्र ही बैठक कर सहकारिता,कृषि एवं ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर कार्य किया जाए।मंत्री ने कहा मिलेट्स किसानों की आय बढ़ाने में यह अहम भूमिका निभायेगा। मंत्री ने कहा जैविक खेती, एवं परंपरागत फसलों की ओर किसानों को प्रोत्साहित किया जाए। मंत्री ने अधिकारियों को बंदरों समेत दूसरे वन्य जीवों से फसल क्षति की समस्या के निराकरण के लिए भी अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। मंत्री ने कहा प्रधानमंत्री कृषि योजना के पर ड्राप मोर क्राप घटक के अन्तर्गत पर्वतीय क्षेत्रों में उपलब्ध जल के माध्यम से सिंचाई सुनिश्चित करते हुए कृषकों की भूमि पर सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली (ड्रिप / स्प्रिंक्लर ) की स्थापना की जाय। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों की आजीविका बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाए।

 

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