सीमांत जनपद चमोली को “सौगात” लेकर आया सन्डे …
देहरादून। सीमांत जनपद चमोली के लिए रविवार का दिन सौगात लेकर आया। भारतीय जनता पार्टी ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट को उत्तराखण्ड कोटे की सीट से राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया गया है। विधानसभा में सदस्यों की संख्याबल के लिहाज से भट्ट की जीत तय है। यह पहला मौका होगा जब चमोली जिले का कोई व्यक्ति संसद में प्रतिनिधित्व करेगा। इससे पहले किसी भी राष्ट्रीय दल ने राज्यसभा तो दूर लोकसभा में तक चमोली के किसी निवासी को अपना प्रत्याशी नहीं बनाया था।
वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में महेन्द्र भट्ट ने भाजपा से बदरीनाथ विधानसभा का चुनाव लडा था। उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी राजेन्द्र भंडारी ने शिकस्त दी थी। उस वक्त लग रहा था कि भट्ट राजनीति के लिहाज से फिलहाल हाशिये पर रहेंगे। लेकिन भाजपा हाई कमान ने चौंकाने वाला निर्णय लेते हुए महेंद्र भट्ट को प्रदेश भाजपा की कमान सौंप दी। उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप दी गई। भट्ट अपने बयानों को लेकर कई बार चर्चा में रहे हैं। खासतौर पर हिंदुत्व को लेकर वह काफी मुखर रहते हैं। अब भाजपा हाईकमान ने महेन्द्र भट्ट को राज्यसभा का प्रत्याशी बनाकर उन्हें सरप्राइज दिया है। मुख्यमंत्री Pushkar Singh Dhami और प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट की जबरदस्त जुगलबंदी और बेहतरीन सामंजस्य का ही परिणाम है कि उत्तराखण्ड कोटे की राज्यसभा सीट का प्रत्याशी राज्य के भीतर से ही बनाया गया।
भट्ट को राज्यसभा प्रत्याशी बनाए जाने के सियासी मायने भी टटोले जा रहे हैं। चर्चा शुरू हो गई है कि क्या संसद के उच्च सदन का सदस्य बनने के बाद महेन्द्र भट्ट प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे या नहीं। इसके अलावा महेन्द्र भट्ट की परंपरागत विधानसभा सीट पर उनके उत्तराधिकारी को लेकर भी का कयासबाजी का दौर शुरू हो गया है। भट्ट के राष्ट्रीय राजनीति में पदार्पण से कांग्रेस के एक कद्दावर नेता के लिए भी बदरीनाथ विधानसभा में भाजपा ज्वाइन करने का स्पेस बन गया है। देखना दिलचस्प होगा कि चमोली को मिली यह सौगात लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश की सियासत में क्या बदलाव लाएगी।
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