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उलट पड़ी कट्टरपंथियों की चाल, डीएम वंदना को जनता का विश्वास

उलट पड़ी कट्टरपंथियों की चाल, डीएम वंदना को जनता का विश्वास।

अब्दुल मलिक पर एक्शन से बौखलाए दंगाइयों ने मचाया बवाल।

हल्द्वानी अतिक्रमण विवाद: डीएम वंदना को कट्टरपंथियों से ट्रोलिंग, जनता ने किया समर्थन।

हल्द्वानी के बनभूलपुरा में अवैध अतिक्रमणों के खिलाफ कार्रवाई करने वाली जिलाधिकारी वंदना सिंह सोशल मीडिया पर चर्चाओं का केंद्र बन गई हैं। कुछ इस्लामिक कट्टरपंथी उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रेंड करवा रहे थे और उनके खिलाफ भड़काऊ अभियान चला रहे थे।

अब्दुल मलिक पर कार्रवाई का नतीजा

अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बाद कट्टरपंथियों ने डीएम वंदना के खिलाफ “#अरेस्ट_वंदना_सिंह” ट्रेंड चलाया। उन पर संघी विचारधारा का आरोप लगाया गया और सांप्रदायिक रंग दिया गया। सोशल मीडिया ट्रेंड के विश्लेषण से पता चला कि इसमें ज्यादातर इस्लामिक कट्टरपंथी समूह शामिल थे।

कथित प्रेस कॉन्फ्रेंस और झूठा माहौल

इसी कट्टरपंथी मानसिकता से ग्रसित कुछ लोगों ने दिल्ली प्रेस क्लब में डीएम के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। ये लोग कभी बनभूलपुरा गए ही नहीं थे, लेकिन वहां से एक वीडियो के आधार पर वंदना सिंह के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश की। यही गिरोह अक्सर भाजपा सरकारों के खिलाफ लोगों को भड़काने के लिए जाना जाता है।

सच सामने आया, मिला जनता का विश्वास

लेकिन सच छिपाए नहीं छिपता। जैसे ही सच्चाई सामने आई, सोशल मीडिया साईट एक्स पर “#isupportdmvandana” ट्रेंड शीर्ष पर चला गया। राष्ट्रीय मीडिया में भी डीएम वंदना की चर्चा होने लगी। शायद उत्तराखंड में पहली बार किसी डीएम ने इतनी ख्याति प्राप्त की, उन्हें लगातार सोशल मीडिया पर युवाओं द्वारा सपोर्ट और फॉलो किया जा रहा है। दूसरे शब्दों में कहें तो यह अराजक तत्वों पर सम्पूर्ण नारी शक्ति का तमाचा है।

सरकार का समर्थन, डीएम की निष्ठा

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूरे घटनाक्रम में डीएम का समर्थन किया, जिससे वह बिना किसी दबाव के अपना कर्तव्य पूरा कर सकीं। डीएम वंदना ने साबित किया कि अगर आप सत्य के साथ खड़े हों तो कोई ताकत आपको झुका नहीं सकती। उन्होंने सरकार और सीएम धामी को हर परिस्थिति में विश्वास रखने के लिए धन्यवाद दिया।

असत्य पर सत्य की विजय

हल्द्वानी अतिक्रमण विवाद ने एक बार फिर कट्टरपंथ और सांप्रदायिकता की दीवार उठाने की कोशिश को नाकाम किया। डीएम वंदना ने निष्ठापूर्वक अपना कर्तव्य निभाया और जनता ने उनका समर्थन किया। यह घटना न केवल कानून के शासन की जीत है, बल्कि सत्य और निष्ठा की भी जीत है।

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