पहाड़ संवाद Hindi News Portal of Uttarakhand

उत्तराखंड स्लाइडर

विधानसभा के नियमित हुए कर्मचारियों पर भी खतरा

विधानसभा के नियमित हुए कर्मचारियों पर भी खतरा, विधानसभा की जिस नियमावली से कुंजवाल ने नौकरी दी, उसी नियमावली से नियमित हुए कर्मचारी, 2000 के बाद नियुक्त हुए कर्मचारी 2013 में हुए नियमित, जानकार भी बोले, नहीं बच सकते नियमित कर्मचारी

देहरादून। विधानसभा में बैकडोर चैनल से भर्ती हुए सभी कर्मचारियों की नौकरी खतरे की जद में है। इस दायरे में वो कर्मचारी भी हैं, जो ये सोचकर निश्चिंत हैं कि वो नियमित हो चुके हैं। विधानसभा की 2013 में बनी जिस नियमावली के आधार पर पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रेमचंद अग्रवाल ने नियुक्तियां की, उसी नियमावली से कर्मचारी नियमित भी हुए। ऐसे में एक ही नियमावली को लेकर दो तरह की व्यवस्थाएं नहीं हो सकती।

राज्य में 2013 तक विधानसभा की अपनी कोई नियमावली नहीं थी। इस बीच 2000 से लेकर 2012 तक जो भी कर्मचारी विधानसभा में बैकडोर चैनल से भर्ती हुए, वे सभी बिना किसी नियमावली के तहत हुए। यही वजह रही जो, 2000 से लेकर 2012 के बीच नियुक्त हुए कर्मचारी लंबे समय तक नियमित नहीं हो पाए। इन सभी कर्मचारियों को नियमितीकरण का लाभ पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने 2013 में दिया। जिस नियमावली से कुंजवाल के समय भर्ती हुई, उसी नियमावली से पुराने कर्मचारियों का नियमितीकरण हुआ। ऐसे में अब जब कुंजवाल और अग्रवाल के समय की भर्ती खतरे की जद में हैं, तो उनसे पहले नियमित हुए ये कर्मचारी भी सवालों के घेरे में है। स्पीकर ऋतु खंडूडी भी साफ कर चुकी हैं कि जांच के दायरे में सभी आएंगे। किसी को कोई भी रियायत नहीं मिलेगी। ऐसे में अब 2000 से लेकर 2022 तक के सभी बैकडोर चैनल वाले कर्मचारियों की नौकरी पर तलवार लटक गई है।

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *

यदि आप अपना कोई लेख या कविता हमारे साथ साझा करना चाहते हैं तो आप हमें हमारे (pahadsamvad@gmail.com) Email के माध्यम से भेजकर साझा कर सकते हैं!