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आईटीसी मिशन सुनहरा कल एवं SBMA के द्वारा चलाया गया विश्व शौचालय दिवस पर स्वच्छता एवं जागरूकता कार्यक्रम

विश्व शौचालय दिवस पर विशेष कार्यक्रम

राजकीय जूनियर हाई स्कूल अन्नेकी में स्वच्छता एवं जागरूकता का संदेश

हरिद्वार 18 नवम्बर 2025। विश्व शौचालय दिवस के उपलक्ष में आईटीसी मिशन सुनहरा कल एवं श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम के संयुक्त तत्वावधान में राजकीय जूनियर हाई स्कूल अन्नेकी एवं राजकीय प्राथमिक विद्यालय जमालपुर खुर्द में एक व्यापक स्वच्छता एवं जागरूकता कार्यक्रम एवं रैली का सफल आयोजन किया गया। विद्यालय परिसर में स्थापित कैनोपी के माध्यम से बच्चों को स्वच्छता, सुरक्षित शौचालय उपयोग एवं स्वच्छ व्यवहार से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों की जानकारी प्रदान की गई।

विश्व शौचालय दिवस हर वर्ष 19 नवंबर को मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित यह दिवस दुनिया भर में सुरक्षित और सम्मान जनक सैनिटेशन की जरूरत के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है।

आज के इस कार्यक्रम मुख्य उद्देश्य सभी के लिए स्वच्छ एवं सुरक्षित शौचालय की उपलब्धता सुनिश्चित करना।

ओपन डिफिकेशन को रोकना।

बीमारियों एवं असमानताओं को कम करना।

स्वच्छता को मानवाधिकार के रूप में स्थापित करना।

दुनिया के कई क्षेत्रों में आज भी स्वच्छ शौचालय की कमी स्वास्थ्य समस्याओं, गरीबी और सामाजिक असमानता का मुख्य कारण है। इसी पृष्ठभूमि में यह दिवस समाज को स्वच्छता के प्रति जागरूक और संवेदनशील बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

शौचालय दिवस का महत्व — स्वास्थ्य, सुरक्षा और सम्मान का प्रश्न

कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने बताया कि शौचालय केवल एक सुविधा नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, सुरक्षा, सम्मान और गरिमा का आधार है।
विशेषकर महिलाओं और किशोरियों के लिए सुरक्षित शौचालय उनके—

स्वास्थ्य, व्यक्तिगत गरिमा एवं सुरक्षा से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा हुआ है।

सैनिटेशन की कमी बीमारियों का कारण बनने के साथ-साथ गरीबी, असमानता और सामाजिक पिछड़ेपन को भी बढ़ाती है। इसलिए समुदायों में स्वच्छता व्यवहार और शौचालय उपयोग को बढ़ावा देना अत्यंत आवश्यक है।

हाथ धोने की तकनीक एवं स्वच्छता शपथ।

कार्यक्रम के दौरान बच्चों को सही तरीके से हाथ धोने की विधि, शौचालय उपयोग से पहले और बाद में अपनाई जाने वाली स्वच्छता, तथा दैनिक जीवन में स्वच्छता आदतों के महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
इसके बाद सभी विद्यार्थियों द्वारा स्वच्छता शपथ ली गई जिसमें उन्होंने संकल्प लिया कि वे—

नियमित रूप से शौचालय का उपयोग करेंगे

उपयोग के बाद पानी डालकर उसे साफ रखेंगे

विद्यालय व घर को स्वच्छ रखने में सहयोग करेंगे

और समाज में स्वच्छता के प्रति प्रेरक भूमिका निभाए।

विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी

लगभग 200 बच्चों ने इस कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लिया।
श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम के स्कूल मोटीवेटर श्रीमती सुशीला एवं आदित्य सैनी ने कैनोपी के माध्यम से बच्चों को विभिन्न गतिविधियों, संवाद, मॉडल प्रदर्शन और प्रश्नोत्तरी के जरिए स्वच्छता के बारे में सशक्त संदेश दिया।
इन गतिविधियों ने बच्चों में स्वच्छ शौचालय उपयोग और व्यक्तिगत स्वच्छता के प्रति गहरी समझ विकसित की।

विद्यालय के प्रधानाचार्य  ओमपाल सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि —
“स्वच्छता स्वस्थ समाज की नींव है। शौचालय का सही उपयोग केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य नहीं बल्कि परिवार, विद्यालय और समुदाय की उन्नति से जुड़ा हुआ कदम है।”

उन्होंने बच्चों को स्वच्छता के प्रति सतर्क रहने और इसे जीवनशैली का हिस्सा बनाने का संदेश दिया।

कार्यक्रम का उद्देश्य
इस जागरूकता अभियान का उद्देश्य—

बच्चों में स्वच्छता की आदत विकसित करना

शौचालय उपयोग को व्यवहार का हिस्सा बनाना

सैनिटेशन से जुड़े मिथकों को दूर करना

और समुदाय में स्वस्थ एवं स्वच्छ वातावरण तैयार करना था।

विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर आयोजित यह कार्यक्रम न केवल बच्चों के लिए शिक्षाप्रद रहा, बल्कि विद्यालय और समुदाय में स्वच्छता के प्रति सकारात्मक चेतना स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण साबित हुआ।
कार्यक्रम की सफलतापूर्वक सम्पन्नता के साथ यह संदेश दिया गया कि—
“स्वच्छता केवल अभियान नहीं, बल्कि जीवन का संस्कार है।”

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